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पदाधिकारियों की कमी से प्रभावित हो रहा कार्य

एक पदाधिकारी पर है कई विभागों की जिम्मेवारी विकास की गति पर असर पड़ने की संभावना जहानाबाद,नगर : जिले में पदाधिकारियों की कमी के कारण कार्यों का निष्पादन प्रभावित हो रहा है. एक अधिकारी के जिम्मे कई विभागों की जिम्मेवारी रहने से पदाधिकारी अपने मूल विभाग का कार्य भी सही तरीके से निष्पादित नहीं कर […]

एक पदाधिकारी पर है कई विभागों की जिम्मेवारी

विकास की गति पर असर पड़ने की संभावना
जहानाबाद,नगर : जिले में पदाधिकारियों की कमी के कारण कार्यों का निष्पादन प्रभावित हो रहा है. एक अधिकारी के जिम्मे कई विभागों की जिम्मेवारी रहने से पदाधिकारी अपने मूल विभाग का कार्य भी सही तरीके से निष्पादित नहीं कर पा रहे हैं. जिले में पांच एसडीसी का पद है, जबकि वर्तमान में सिर्फ दो एसडीसी ही कार्यरत हैं. वहीं जीपीएफ पदाधिकारी, लेखा पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी का पद रिक्त है. इन सभी पदों की जिम्मेवारी अन्य विभाग के पदाधिकारियों को दिया गया है. जिसके कारण इन विभागों का कार्य निष्पादन प्रभावित हो रहा है.
वहीं जिले के तीन पदाधिकारी प्रशिक्षण पर चले जाने के कारण भी अन्य पदाधिकारियों के ऊपर जिम्मेवारियां बढ़ गयी हैं. जिन पदाधिकारियों को अन्य विभागों की जिम्मेवारी सौंपी गयी है उन्हें कार्यों के त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया गया है साथ ही अपने अपने आवंटित कार्यों से संबंधित संचिका को जिला पदाधिकारी के समक्ष विद्यिवत उपस्थापित करना सुनिश्चित करने को कहा गया है. जिले में पदस्थापित उपविकास आयुक्त को सभी विभागों का वरीय प्रभार सौंपा गया है. वहीं अपर समाहर्ता को स्थापना, राजस्व, निलाम-पत्र, सामान्य शाखा-आपूर्ति शाखा, आंतरिक संसाधन, भू-अर्जन, श्रम-नियोजन, उत्पाद, कृषि एवं शस्त्र शाखा का वरीय प्रभार दिया गया है. भूमि सुधार उपसमाहर्ता को भूमि सुधार, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की जिम्मेवारी सौंपी गयी है वहीं डीपीओ आइसीडीएस को एसी-डीसी का नोडल पदाधिकारी तथा स्थापना शाखा का प्रभार सौंपा गया है. वरीय उपसमाहर्ता सुधीर कुमार सिंहा को स्थापना शाखा, मानवाधिकार का नेाडल पदाधिकारी, शस्त्र शाखा, विधि शाखा की जिम्मेवारी है. जबकि जिला आपूर्ति पदाधिकारी संजय सिंह को नजारत शाखा, गोपनीय शाखा का भी प्रभार है. भू-अर्जन पदाधिकारी उमाकांत पांडेय को बैंकिंग का नोडल पदाधिकारी, अभिलेखागार, आरटीपीएस, प्रमाण-पत्र कोषांग की जिम्मेवारी है. राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक को जिला विकास शाखा, परिवहन विभाग, जिला पंचायत शाखा की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. वहीं जिला कल्याण पदाधिकारी को अनुसुचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण, अल्पसंख्यक कोषांग, जनसंपर्क की जिम्मेवारी है. जबकि वरीय कोषागार पदाधिकारी को जिला लेखा पदाधिकारी, जिला भविष्य निधि पदाधिकारी की जिम्मेवारी है. ऐसे में पदाधिकारियों की कमी से जूझ रहे जिले के विकास की गति कम हो सकती है.

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