न घर मिला न घाट, लगी है आशियाने की आस सात माह से एक विवाहिता को पाल रही पुलिस प्रेम जाल में फंसकर हुई गलती का भुगत रही खामियाजा मायके व ससुराल से ठुकरायी हुई है लड़की मिल रही है महिला पुलिस की ममता की छांह फोटो-08 संजय कुमार पाण्डेयजहानाबाद. ‘साथ जीएंगे, साथ मरेंगे हम-तुम दोनों लैला’. फिल्मी स्टाइल में कुछ इसी तरह के सब्जबाग दिखाकर भगा ले जायी गयी मोनी कुमारी (काल्पनिक नाम) की हालत में आज ऐसी है कि वह कहीं की नहीं रही. झूठे प्यार में किसी को कितना बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. इसका जीता जागता उदाहरण है मोनी. उसे ससुराल के लोगों ने तो परित्यक्त कर ही दिया, उसके मायके के लोग भी उसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया. फिलहाल वह महिला पुलिस की संरक्षण में पल रही है. पर सवाल यह है कि ऐसा कब तक चलेगा.वर्ष 2014 में हुई थी शादी. गया जिले के टिकारी थानान्तर्गत बेरमों गांव की रहने वाली मोनी की शादी 12 मई 2014 को बेला थाने के ओवा गांव में हुई थी. वह इंटर की छात्रा थी. उसके पति पंजाब में काम करते हैं. शादी के कुछ ही माह बाद वहअपनी डयूटी पर पंजाब चला गया. उसके बाद मोनी की आखें चार हो गई. ससुराल के ही निवासी नवीन कुमार नामक युवक के साथ. जिसने उसे बहला-फुसलाकर अपने प्यार के जाल में फांसकर अपने गंदे इरादे में सफल हो गया. आठ दिन रखा जोधपुर में. मोनी के मुताबिक शादी के एक साल बाद 22 मई 2015 को नवीन उसे बहला-फुसलाकर जोधरपुर(राजस्थान) लेकर फरार हो गया. वहां दोनों आठ दिनों तक रहे. कई बार शारीरिक संबंध स्थापित किया. शादी करने का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया जाता रहा. अपने इरादे में सफल होने के बाद नवीन शादी करने से सीधे मुकर गया और जहानाबाद लाकर छोड़ दिया. अपनी गलती का पश्चाताप करते हुए मोनी जब ससुराल गयी तो उसे घर में घुसने नहीं दिया गया. इधर उसकी मां ने भी उसे फटकार लगाते हुए भगा दी. उसके पिता का निधन पहले ही हो गया था. आपबीती सुनाने पहुंची महिला थाने में. अपनी खुद की गलती से चारो तरफ बंद दरवाजे देख मोनी पहुंच गयी जहानाबाद महिला थाने में. अपने साथ हुई घटना का पूरा बखान किया. उस वक्त न्याय दिलाने के लिए पुलिस से गुहार लगायी और न्याय नहीं मिलने पर जहर खाकर आत्म हत्या कर लेने पर उतारू थी. महिला पुलिस ने कार्रवाई की और उसके बयान पर थाने में कांड संख्या 60/2015 के तहत बलात्कार की प्राथमिकी दर्ज की. उसका मेडिकल जांच कराया गया. एफआइआर के अभियुक्त युवक नवीन कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. घर बसाने की कोशिश हुई नाकाम. महिला थाने की पुलिस ने न सिर्फ कानूनी कार्रवाई की बल्कि उसका घर बसाने की भरपूर कोशिश कर उसे उसके ससुराल में ले गयी. पूर्व की महिला थानाध्यक्ष प्रीति कुमारी और वर्त्तमान महिला थाना प्रभारी कुसुम भारती का प्रयास सफल नहीं हुआ. बताया गया है कि ससुराल वालों ने इतनी दया जरूर दिखायी कि उसे रहने के लिए एक कमरा दे दिया. उसके खाने के लिए अनाज, बरतन व अन्य सामान की आपूर्त्ति करने में पुलिस ने मानवता का परिचय दिया. आज भी सात माह से उसके जीवन यापन का जिम्मा पुलिस उठा रही है. ससुराल वालों के ताने से अब वह वहां नहीं रहती. फिलहाल गया की एक महिला पुलिस अधिकारी ने उसे संरक्षण दे रखा है. उनके अलावा जहानाबाद महिला थानाध्यक्ष कुसुम भारती से वह मिलती है जिसे खाने-पीने से लेकर बीमार पड़ने पर इलाज कराने, पहनने के लिए कपड़ा की व्यवस्था की जाती है. अपने केस के संबंध में अद्यतन जानकारी लेने के लिए मोनी अक्सर जहानाबाद महिला थाने में आती है. यहां आई विवाहिता बताती है कि वह मगध प्रक्षेत्र के डीआइजी से भी मिलकर न्याय दिलाने की फरियाद की है. अपनी गलती पर शर्मिंदा मोनी कहती है कि क्या उसे उसकी गलती की माफी नहीं मिलेगी. फिलहाल वह अपने पति से तलाक लेकर स्वयं खड़ा होना चाहती है. आस लगी है कि उसे कोई आशियाना दिला देंगे. वह प्यार के नाम पर यौन शोषण करने वाले आरोपित युवक नवीन कुमार को कड़ी सजा मिलने का इंतजार कर रही है.
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न घर मिला न घाट, लगी है आशियाने की आस
न घर मिला न घाट, लगी है आशियाने की आस सात माह से एक विवाहिता को पाल रही पुलिस प्रेम जाल में फंसकर हुई गलती का भुगत रही खामियाजा मायके व ससुराल से ठुकरायी हुई है लड़की मिल रही है महिला पुलिस की ममता की छांह फोटो-08 संजय कुमार पाण्डेयजहानाबाद. ‘साथ जीएंगे, साथ मरेंगे हम-तुम […]
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