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गिरफ्तार माओवादी कमांडर ने कई राज उगले

गिरफ्तार माओवादी कमांडर ने कई राज उगले पुलिस मुखबिर की हत्या करने की थी योजना बिखरे संगठन को मजबूत बनाना था उद्देश्य पंचायत चुनाव में दबदबा कायम करने के लिए होनेवाली थी बैठकजिले में अशांति फैला दहशत कायम करना था मकसद गया के जंगल में हुई बैठक में जारी किया गया था सांगठनिक फरमानपुलिस अफसरों […]

गिरफ्तार माओवादी कमांडर ने कई राज उगले पुलिस मुखबिर की हत्या करने की थी योजना बिखरे संगठन को मजबूत बनाना था उद्देश्य पंचायत चुनाव में दबदबा कायम करने के लिए होनेवाली थी बैठकजिले में अशांति फैला दहशत कायम करना था मकसद गया के जंगल में हुई बैठक में जारी किया गया था सांगठनिक फरमानपुलिस अफसरों के साथ एसएसबी के जवानों ने दिखायी दिलेरी फोटो-07 संजय कुमार पांडेय जहानाबाद. परसबिगहा थाना क्षेत्र के लाखापुर गांव के समीप से भाकपा (माओवादी) संगठन के गिरफ्तार एरिया कमांडर शत्रुधन राम ने पुलिस के समक्ष कई सांगठनिक राज उगले हैं. पुलिस मुखबिर की हत्या करना, बिखरे संगठन को फिर से मजबूत बनाना, भठ्ठा मालिकों और ठेकेदारों से बतौर लेवी रुपये वसूलना, संगठन के लिए कोष संग्रह करना और माओवादियों के किसान क्रांतिकारी समिति को मजबूत बनाना, अशांति फैलाना उनकी योजना में शामिल था. पुलिस के अनुसार संगठन का विस्तार करने व कैडर को मजबूत बनाने में शत्रुध्न राम माओवादियों को शेल्टर देता था. चार दिन पूर्व आया था नेपाल से :जहांगीरपुर में बयान फूंकने, रोड रौलर जलाने और लेवी वसूलने के मामले में कमांडर शत्रुधन राम को वर्ष 2013 में जेल भेजा गया था. पिछले साल दिसंबर 2014 में वह जेल से छुटकर आया था और माओवादियों के लिए गुप्त रूप से सांगठनिक काम कर रहा था. अपनी आंखों में तकलीफ होने पर वह इलाज कराने के लिए नेपाल चला गया था और चार दिन पूर्व लौटकर परसबिगहा थाना क्षेत्र में सांगठनिक गतिविधि तेज की थी. काले रंग के चश्मे से हुई पहचान:एएसपी अभियान अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में परसबिगहा थानाध्यक्ष रितुराज, शकुराबाद थानाध्यक्ष सुमेश्वर लकड़ा, काको थानाध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार सिंह, कल्पा ओपी प्रभारी लाल बहादूर यादव और एसएसबी के कंपनी कमांडर अभिषेक कुमार जब लाखापुर छापेमारी करने पहुंचे तो पहले तो शत्रुध्न की पहचान करने में परेशानी हुई. पुलिस को गुप्त सूचना मिली की एरिया कमांडर काले रंग का चश्मा पहन रखा है. आंख का ऑपरेशन हुआ है. त्वरित कार्रवाई के क्रम में पुलिस टीम की नजर उस पर पड़ी और करीब एक किमी दूरी तक खदेड़कर उसे पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली. इस कुख्यात माओवादी को पकड़ने गयी पुलिस टीम में एसएसबी के जांबाज जवानों की टोली भी मौजूद थी. जिसे कंपनी कमांडर अभिषेक लीड कर रहे थे. गया के जंगल में जुटे थे कई माओवादी :करीब एक माह पूर्व गया के जंगल में भाकपा (माओवादी) संगठन के कई शीर्ष नेताओं का जमावड़ा लगा था. सांगठनिक मीटिंग हुई थी. करीब दो सौ माओवादी नेता बैठक में शामिल हुए थे. संगठन का एक शीर्ष कमांडर जहानाबाद जिले के हुलासगंज थाना क्षेत्र के रूस्तमपुर निवासी प्रदुमन शर्मा भी वहां शामिल था. इन बातों का पुलिस के समक्ष खुलासा करते हुए गिरफ्तार शत्रुधन राम ने बताया कि उस बैठक में संगठन की कई कार्य योजना तैयार की गयी और उसको अंजाम देने के लिए सांगठनिक फरमान जारी किया गया था. पुलिस मुखबिरों की पहचान कर उनकी हत्या करना और लेवी वसूलना योजना में शामिल था. पंचायत चुनाव को लेकर होने वाली थी बैठक :माओवादी शत्रुधन राम ने पुलिस के सामने जो राज उगले हैं उनमें एक यह भी था कि होने वाले पंचायत चुनाव के पूर्व बैठक करनी थी जिसमें संगठन के कई ओहदेदारों व सक्रिय कैडरों को बुलाना था. एसपी आदित्य कुमार ने बताया कि शत्रुधन ने इसका खुलासा किया. पंचायत चुनाव में संगठन का दबदबा कायम करने के लिए बैठक में रणनीति तय करनी थी जिस पर फिलहाल विराम लग गया. वर्ष 2009 से सक्रिय था शत्रुध्न :कुख्यात नक्सली शत्रुधन राम अपने स्वीकारोक्ति बयान में पुलिस को बताया कि वह 2009 से भाकपा (माओवादी) संगठन में शामिल हुआ और उसी समय से सक्रिय भागीदारी निभायी. 27 दिसंबर 2014 की रात एमसीसी के बिहार बंद के मौके पर दहशत फैलाने के लिए अपने सहयोगी रविंद्र यादव (सुकियावां) मनोज केवट(शंकरगंज), मुकेश दास एवं अन्य के साथ मिलकर मोबाइल टावर में आग लगा दिया और एमसीसी का परचा गेट पर साटकर सिगोड़ी की ओर चला गया था. 29 दिसंबर 2014 की रात भी शकुराबाद के रूस्तमचक में सड़क निर्माण कार्य में लगे रोड रॉलर को जला दिया था और इसके बाद निर्माणधीन पुल के कंपनी के मुंशी को मार -पीटकर लेवी के लिए परचा दिया था. 9 एवं 10 नवंबर 2015 को शक्करगंज में चुहड़मल मंदिर और आदमपुर के पास कवि उर्फ मुनीलाल, मुकेश उर्फ लालदास मोची, मनोज केवट सहित कई माओवादियों की बैठक कर ईंट भठ्ठा मालिकों से लेवी वसूलने और पुलिस मुखबिरों की चुन-चुनकर हत्या करने की योजना बनायी गयी थी. पांच दिसंबर 2015 को इसने रूस्तमपुर में माओवादी कमांडर प्रदुमन शर्मा और अन्य नक्सलियों के साथ मिलकर परचा साटने की बात स्वीकारी है. जिले में बड़ी घटना को अंजाम देने का दायित्व इसे सौंपा गया था. इन कांडों में रही है संलिप्तताथाना कांड संख्या शकुराबाद 136/14शकुराबाद 137/14कल्पा ओपी (जहानाबाद) 381/14परस बिगहा 155/14परस बिगहा 36/15हुलासगंज 92/15परस बिगहा 124/15

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