जहानाबाद (ग्रामीण).शहर के नया टोला मोहल्ले में एक नवजात का शव फेंका मिला. नवजात के शव मिलने की सूचना से मोहल्ले में अफरातफरी मच गयी. देखते-देखते पूरा मुहल्ला शव को देखने के लिए इकट्ठा हो गया. मोहल्लावालों का कहना था कि अक्सर इस तरह की घटना बगल में संचालित अवैध नर्सिग होम द्वारा किया जाता है. नर्सिग होमों की काली करतूतों से आजिज होकर लोगों ने शुक्रवार को आर-पार की लड़ाई लड़ने की ठान ली और सड़क पर उतर आये. मोहल्लावासियों ने जम कर बवाल किया और सदर अस्पताल के मुख्य द्वार के समीप सड़क जाम कर एनएच 83 को घंटों बाधित कर यातायात ठप कर दिया. सड़क जाम कर रहे मोहल्लावासियों का आरोप था कि मोहल्ले के इर्द-गिर्द दर्जनों अवैध नर्सिग होम संचालित हैं. जहां से अक्सरहां गंदगी मोहल्ले की गलियों में फेंका जाता है. हद तो तब हो जाती है जब ये नर्सिग होम भ्रूणहत्या कर नवजातों का शव गंदगी के बीच छिपा कर इन्हीं गली की नालियों में फेंक देते हैं. जब यह भ्रूण कुछ दिनों के बाद सड़ांध देने लगती है, तो मोहल्लावालों का जीना दुश्वार हो जाता है. इसी बेचैनी की भड़ास निकलाते हुए लोग सड़कों पर उतर आये. इसकी शिकायतें कई बार नर्सिग होम संचालकों एवं अस्पताल प्रबंधन से भी की गयी है लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. मोहल्ले के लोगों के अनुसार शुक्रवार को भी विंध्यवासिनी मार्केट में संचालित नर्सिग होम द्वारा एक नवजात का शव गली की नालियों में फेंका गया. इससे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा तथा सड़क जाम कर अवैध नर्सिग होमों को बंद कराने की मांग करने लगे. जाम की सूचना पाकर अनुमंडल पदाधिकारी मनोरंजन कुमार ने पहुंच कर लोगों को समझाया-बुझाया और कार्रवाई का भरोसा दिलाया, तब जाकर लोगों ने सड़क जाम हटाया. वहीं एसडीओ ने नगर पर्षद द्वारा उक्त मोहल्ले की गलियों की सफाई करायी.
नर्सिग होमों की हुई जांच : नवजात के शव फेंके जाने के बाद एसडीओ मनोरंजन कुमार ने विंध्यवासिनी मार्केट के दूसरे तल्ले पर संचालित नर्सिग होम की जांच की. हालांकि एसडीओ के आने की सूचना पाकर नर्सिग होम संचालिका फरार हो गयी. लेकिन वहां भरती दो मरीजों से एसडीओ एवं सिविल सजर्न ने पूछताछ की. भरती मरीज ओयना निवासी पुष्पा देवी तथा रंजती देवी थी. मरीजों ने बताया कि दलालों के माध्यम से उक्त नर्सिग होम में आये हैं. साथ ही मरीजों ने सिविल सजर्न को सदर अस्पताल का सादा ब्लू परची भी दिखाया. इसके बाद सिविल सजर्न ने अस्पताल की बगल में संचालित नर्सिग होम दीप शिखा में भी पहुंच कर भी जांच की. जहां आधा दर्जन प्रसूताओं का सिजेरियन किया हुआ पाया. जांच के दौरान सिविल सजर्न ने दीपशिखा नर्सिग होम में भरती मरीजों से पूरी जानकारी इकट्ठी की. सिविल सजर्न ने नर्सिग होम में व्याप्त कु व्यवस्था पर अफसोस भी जताया तथा दोनों नर्सिग होम पर कार्रवाई करने की बात कही.
शौचालय में बंद हुई संचालिका : सिविल सजर्न द्वारा नर्सिग होम जांच करने की सूचना पाकर दीपशिखा नर्सिग होम की संचालिका गीता देवी शौचालय में बंद हो गयी. हालांकि संचालिका का पति पुलिस के हत्थे चढ़ गया. सिविल सजर्न ने नर्सिग होम की दाई से जब जांच पड़ताल की, तो उसने भी झूठ बोलते हुए कहा कि शौचालय में मरीज है. सिविल सजर्न के कड़े तेवर को देख संचालिका शौचालय से बाहर आयी तथा पूछताछ में सहयोग किया. हालांकि पूछताछ के दौरान कई मामले खुल कर सामने आये संचालिका ने बताया कि मैंने दो वर्ष का अल्टरनेटिव मेडिसिन की पढ़ाई की है. लेकिन सिविल सजर्न द्वारा जब प्रमाणपत्रों की मांग की गयी, तो संचालिका प्रमाणपत्र देने में असमर्थता जाहिर की. वहीं डॉ के सवाल पर बताया कि सदर अस्पताल में कार्यरत डॉ वीके झा तथा पटना के डॉ चौपाल द्वारा नर्सिग होम में आकर सिजेरियन करने की बात बतायी, जो संदेह के घेरे में है. सिविल सजर्न पूरे मामले की जांच में जुटी है. हैरत की बात तो ये रही कि जिस नर्सिग होम में छापेमारी की गयी, वहां टांगे गये बोर्ड पर एमबीबीएस डॉ गीता कुमारी लिखा था. जबकि सिविल सजर्न द्वारा संचालिका से प्रमाणपत्र मांगा गया, तो उसके पास नर्स की भी डिग्री नहीं मिली. हालांकि संचालिका ने सिविल सजर्न को बताया कि प्रमाणपत्र घर पर हैं मंगवा कर दिखा दूंगी. बताते चलें कि पूर्व में भी खुद को डॉ गीता बतानेवाली महिला चिकित्सक के नर्सिग होम पर कई बार छापेमारी हो चुकी है. बावजूद इनका हौसला जस-का-तस है.