जहानाबाद (नगर):फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की मुश्किलें अब बढ़नेवाली है. फर्जी शिक्षकों द्वारा त्यागपत्र देने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा जारी डेडलाइन समाप्त हो गया है. अब फर्जी शिक्षकों से त्यागपत्र नहीं लिया जायेगा, बल्कि उन्हें सेवा से बरखास्त करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. साथ ही नियुक्ति से सेवा समाप्ति तक मिले वेतन की वसूली की जायेगी. इसकी जानकारी देते हुए डीपीओ स्थापना उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले में 73 शिक्षकों द्वारा त्यागपत्र दिया गया है.
शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों को निर्देश मिला है कि 29 जुलाई के बाद किसी भी शिक्षक से इस्तीफा न लें. जिन नियोजित शिक्षकों द्वारा 29 जुलाई या इससे पूर्व अपना इस्तीफा दिया गया है, वही मान्य होगा. विभाग द्वारा उच्चतर माध्यमिक तथा माध्यमिक शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करायी जा रही है. इसके बाद प्रारंभिक स्कूलों के सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जायेगी. जांच में जिन शिक्षकों के प्रमाणपत्र जाली पाये जायेंगे, उन पर सीधी कार्रवाई की जायेगी. वैसे शिक्षकों को तत्काल सेवा से बरखास्त किया जायेगा और प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. साथ ही ऐसे शिक्षकों को भविष्य में बिहार सरकार या उससे संबंधित एजेंसी से किसी दूसरी नौकरी से भी वंचित किया जायेगा.