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पुलिस ने नाटकीय ढंग से दो ओहदेदार माओवादियों को पकड़ा
बिहार-झारखंड नार्थ स्पेशल एरिया कमेटी एवं बिहार का प्रभारी है शिवजी पुलिस ने कर रखी थी दस लाख रुपये के इनाम की घोषणा मगध जोन का प्रभारी है सुरेंद्र मांझी उर्फ आजाद जेल ब्रेक कांड समेत जीटी रोड पर वाहनों को फूं कने में था संलिप्त जहानाबाद : करीब एक दशक से शांति और सुकून […]
बिहार-झारखंड नार्थ स्पेशल एरिया कमेटी एवं बिहार का प्रभारी है शिवजी
पुलिस ने कर रखी थी दस लाख रुपये के इनाम की घोषणा
मगध जोन का प्रभारी है सुरेंद्र मांझी उर्फ आजाद
जेल ब्रेक कांड समेत जीटी रोड पर वाहनों को फूं कने में था संलिप्त
जहानाबाद : करीब एक दशक से शांति और सुकून महसूस कर रहे लोगों के बीच दहशत फैलाने पहुंचे माओवादियों की मंशा पर पानी फिर गया. एसपी आदित्य कुमार को विगत दो दिनों से सूचना मिल रही थी कि माओवादी के कुछ शीर्षस्थ नेता इलाके में अपना पांव फैला किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में हैं. दरअसल 23 जून को माओवादियों ने बिहार बंद का एलान कर रखा है. पलामू जिले में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 12 माओवादी मारे गये थे.
उसी को लेकर बंद का एलान किया गया है. अपने साथियों की मौत का बदला लेने के लिए ही दस्ता इकट्ठा हुआ था. इनकी प्लानिंग थी कि घोसी थाने पर घात लगा कर हमला करना और पुलिस को बड़ा नुकसान पहुंचाना ताकि लोगों में एक बार फिर से माओवादियों का खौफ पैदा हो सके.
एसपी ने प्रेस वार्ता में कहा कि सूचना के बाद जिले की पुलिस पूरी तरह एलर्ट हो गयी थी. पुलिस के तमाम आलाधिकारी और कई थानों के प्रभारी को भी इन पर नजर बनाये रखने की चेतावनी दी गयी थी. सूचना मिलते ही पुलिस के लोग सादे लिबास में बाइक से इलाके की रेकी करने लगे, तभी एसपी को पता चला कि माओवादियों का ओहदेदार नेता शिवजी धोबी उर्फ बाबा, मगध जोन का प्रभारी सुरेंद्र मांझी उर्फ आजाद व 8-10 लोग घोसी थाना क्षेत्र के अतियावां गांव निवासी कमला शर्मा के मकान में ठहरे हुए हैं.
निशानदेही पर रविवार की शाम एसपी खुद दलबल के साथ वहां पहुंचे और पूरे गांव की घेराबंदी कर माओवादियों के नेता को धर दबोचा. इस मामले में पुलिस ने घोसी थाने में दो अलग-अलग मामले दर्ज किये हैं. पुलिस के अनुसार सुरेंद्र उर्फ आजाद 20 वर्षो का सजायाफ्ता है.
20 वर्षो से कर रहा है पार्टी के लिए काम : माओवादी नेता शिवजी धोबी उर्फ बाबा ने कहा कि विगत 20 वर्षो से वह पार्टी के लिए काम कर रहा है. जहानाबाद जेल ब्रेक कांड के वक्त भी बाबा जेल में कैद था, लेकिन जेल ब्रेक कांड के बाद से वह फरार चल रहा है. पूछे जाने पर उसने कहा कि गांव से जवार तक उसकी किसी से कोई लड़ाई नहीं है. स्वेच्छा से वह पार्टी के लिए काम कर रहा है.
गांव में पार्टी का दस्ता रुका करता था. इसी क्रम में उसकी दोस्ती पार्टी के लोगों से हुई और समर्पित होकर पार्टी के लिए काम करने लगा. निष्ठा से काम करने के बदले पार्टी ने उसे बिहार का प्रभारी बनाया. इसके बाद वह बिहार-झारखंड के शीर्षस्थ नेताओं में शामिल हो गया.
पुरस्कृत होंगे टीम में शामिल पुलिसकर्मी : एसपी आदित्य कुमार ने कहा कि छापेमारी दल में शामिल पुलिस के अधिकारियों और जवानों को पुरस्कृत किया जायेगा. साथ ही सरकार से भी इन्हें पुरस्कृत करने की अनुशंसा की जायेगी.
घोसी थानाध्यक्ष संजय कुमार सुमन, पाली थानाध्यक्ष राजीव रंजन, काको थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, ओकरी थानाध्यक्ष अनिरुद्ध कुमार एवं घोसी थाने में एसआइ इंद्रजीत पासवान की सराहना करते हुए एसपी ने कहा कि इन जाबांजों की मेहनत रंग लायी. साथ ही एसपी ने कहा कि एएसपी अनिल कुमार सिंह एवं एसडीपीओ सुनीता कुमारी भी ऑपरेशन में शामिल थे. वहीं, छापेमारी दल में एसएसबी के जवान भी तैनात थे.
एटीएस की टीम ने भी की पूछताछ : जैसे ही यह खबर फैली की शिवजी धोबी उर्फ बाबा पकड़ा गया, तो बिहार और झारखंड की पुलिस को यकीन ही नहीं हो रहा था कि इतना बड़ा ओहदेदार इतनी आसानी से पकड़ में आ गया. दरअसल बाबा का गया और झारखंड के इलाके में खौफ रहा है. इसकी पुष्टि के लिए एटीएस की टीम भी पहुंची और घंटों पूछताछ की.
बरामद सामानों की सूची : दो देशी पिस्तौल, 11 जिंदा कारतूस (.315 एमएम के पांच), नक्सली साहित्य, छह मोबाइल, 12 सौ रुपये नकद, थर्मस, पैंट-शर्ट (दो सेट), चादर, दवा, बैग, कॉपी
सुरक्षा का रखा जाता था ख्याल : विगत दो दिनों से अतियावां गांव के जिस मकान में शिवजी उर्फ बाबा ठहरा था, उस मकान की छत पर उसकी सुरक्षा के लिहाज से माओवादी तैनात रहते थे.
जब पुलिस उसे दबोचने गयी थी, तो उस वक्त भी छत पर मगध जोन का प्रभारी सुरेन्द्र मांझी उर्फ आजाद पहरेदारी कर रहा था.
पुलिस को नुकसान पहुंचाना था मकसद
घात लगा कर घोसी थाने पर हमले की फिराक में थे माओवादी. हमलावर पुलिस को नुकसान पहुंचा दहशत पैदा करना चाहते थे. मगर उससे पहले ही पुलिस ने उनकी प्लानिंग का परदाफाश कर मास्टर माइंड को धर-दबोचा. पकड़े गये माओवादी नेताओं ने पुलिस के समक्ष कबूल किया है कि थाने पर हमला करने की उसकी योजना थी. जो भी थाना सॉफ्ट जोन होता, वहां हमला करते या गश्त कर रही पुलिस गाड़ियों को निशाना बनाते.
एसपी ने नाटकीय अंदाज में किया ऑपरेशन
जिले की पुलिस के लिए नि:संकोच यह बड़ी उपलब्धि मानी जायेगी. पुलिस कप्तान आदित्य कुमार नाटकीय अंदाज में ओहदेदार नेताओं को दबोचने में सफल रहे. सूचना के बाद भी पुलिस बड़े ही चतुराई से दिन के उजाले में अपना सफल ऑपरेशन चलाया.
हालांकि पुलिस जब वहां छापेमारी करने पहुंची थी, तो यह सूचना थी कि यहां 8-10 ओहदेदार लोग बैठे हैं. मगर जैसे ही पुलिस के आने की भनक उन्हें लगी, तब तक चार-पांच लोग पीछे से खिसक गये.
हालांकि एसपी उस गांव में पुलिस के अफसरों और जवानों को सादे लिबास में लगा रखा था, ताकि किसी को भी शक न हो की यहां पुलिसवाले मौजूद हैं. एसपी खुद भी सिविल ड्रेस में बाइक पर सवार होकर ऑपरेशन को अंजाम देने पहुंचे थे. पुलिस के अफसरों और जवानों ने जान की परवाह किये बगैर सफल ऑपरेशन किया.
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