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337 किसानों को दी गयी फसल क्षतिपूर्ति की राशि
जहानाबाद (सदर) : ओला वृष्टि से भले ही जिले के सभी किसानों को कुछ न कुछ फसल का नुकसान हुआ है, पर लाभ सिर्फ चुनिंदा पंचायतों के किसानों को मिला. उसमें उन किसानों को ही लाभ मिला जिन पर किसान सलाहकार की मेहरबानी हुई. फसल क्षतिपूर्ति की राशि के वितरण में किस तरह से बंदरबांट […]
जहानाबाद (सदर) : ओला वृष्टि से भले ही जिले के सभी किसानों को कुछ न कुछ फसल का नुकसान हुआ है, पर लाभ सिर्फ चुनिंदा पंचायतों के किसानों को मिला. उसमें उन किसानों को ही लाभ मिला जिन पर किसान सलाहकार की मेहरबानी हुई.
फसल क्षतिपूर्ति की राशि के वितरण में किस तरह से बंदरबांट हुआ है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मोदनगंज प्रखंड क्षेत्र के कार्यरत एक किसान सलाहकार ने अपनी पत्नी के नाम से क्षतिपूर्ति की राशि का लाभ ले लिया. विदित हो कि ओला वृष्टि से हुए फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने किसानों के बीच फसल क्षतिपूर्ति की राशि देने का फैसला किया.
केंद्र सरकार द्वारा राशि का आवंटन होते ही किसान सलाहकार फसल क्षतिपूर्ति का सर्वे कर रिपोर्ट बनाया, जिसमें जहानाबाद एवं मोदनगंज प्रखंड में ओला वृष्टि से 1035 किसानों के मसूर के फसल के नुकसान होने की सूची बनायी गयी. यह सूची जहानाबाद प्रखंड के आठ पंचायत तथा मोदनगंज पंचायत के सभी पंचायतों में बनायी गयी.
मसूर के फसल के नुकसान के लिए बनायी गयी सूची में 1035 किसान शामिल हैं, जिसमें सिकरिया एवं कल्पा पंचायत के 337 किसानों को क्षतिपूर्ति का लाभ मिला. यही नहीं नगर पर्षद क्षेत्र के भी लगभग 300 किसानों को लाभ दिया गया, लेकिन मसूर उत्पादन के लिए पंडूई, गोनवा व अमैन पंचायत में एक भी किसानों को इसका लाभ नहीं मिला. इस बाबत पूछे जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि किसान सलाहकार भी किसान हैं.
हम जांच करेंगे, पत्नी के नाम से जमीन है कि नहीं. अगर जमीन है, तो कितना एकड़ है. किसान सलाहकार अगर दोषी पाये गये, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
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