जहानाबाद (नगर) : संत निरंकारी मंडल द्वारा औद्योगिक प्रांगण में सत्संग सह लंगर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता महामना मोती लाल जी ने की, जबकि संचालन रामभवन जी द्वारा किया गया. सत्संग में गुरु की महिमा की चर्चा करते हुए मोती लाल जी ने कहा कि गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागूं पांउ ..
उन्होंने कहा कि पहले गुरु के ही पांव लागना चाहिए, क्योंकि गुरु ही हमें गोविंद के बारे में बताते हैं. गुरु शिष्य का स्वरूप धारण करते हुए कहा कि सद्गुरु अत्यंत उदार हैं और पापियों को भी शरण में लेकर उसका उद्धार करते हैं. उन्होंने कहा कि भक्त का सद्गुरु पर अनन्य आश्रय होना चाहिए. ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार एक पतिव्रता को अपने पति का ही आश्रय होता है. जिस प्रकार प्यासे पानी के बिना और बच्चे मां के बिना नहीं रह पाता, वैसे ही भक्त भी सद्गुरु के बिना नहीं रह सकते हैं. गुरु और शिष्य के बीच अपनेपन का यह भाव जितना गहरा होता है, जीवन का आनंद भी उतना ही श्रेष्ठ और सुंदर होता है. सद्गुरु एक दाता हैं, जो कुछ भी कर सकते हैं. इसके स्पर्श मात्र से पत्थर दिल भी भवसागर पार हो जाता है. इस अवसर पर दूर-दराज से आये हजारों संत -महात्माओं ने सत्संग तथा लंगर का आनंद उठाया. वहीं महामना सत्य नारायण जी, गुप्तेश्वर जी, अक्षय जी आदि ने आशीर्वाद प्राप्त किया.