जहानाबाद नगर : मंगलवार की दोपहर अचानक आयी तेज आंधी-पानी से खूब नुकसान हुआ. जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में तबाही का आलम चारों ओर देखने को मिला. एक ओर जहां गरीब-गुरबों की झोंपड़ियां तेज आंधी की भेंट चढ़ गयी. वहीं दूसरी ओर बारिश और बर्फबारी के कारण फसलों का भी भारी नुकसान हुआ.
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आंधी-पानी ने मचायी तबाही, किसान हताश
जहानाबाद नगर : मंगलवार की दोपहर अचानक आयी तेज आंधी-पानी से खूब नुकसान हुआ. जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में तबाही का आलम चारों ओर देखने को मिला. एक ओर जहां गरीब-गुरबों की झोंपड़ियां तेज आंधी की भेंट चढ़ गयी. वहीं दूसरी ओर बारिश और बर्फबारी के कारण फसलों का भी भारी नुकसान हुआ. […]
वहीं शहरी क्षेत्र में कई घरों के करकट तेज हवा में उड़ गये. तेज आंधी-पानी के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. खासकर गेहूं, चना, हरी सब्जियां और आम के फलों का काफी नुकसान हुआ है. कृषि विभाग नुकसान के आकलन में जुटा है.
दोपहर में अचानक मौसम ने करवट ली और तेज हवा के साथ आयी आंधी ने तबाही मचा दिया. कहीं सड़कों पर पेड़ गिर गये तो किसी की झोंपड़ियां बर्बाद हुईं. साथ ही पेड़ गिरने से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के तार और पोल टूट गये, जिससे बिजली की आपूर्ति देर रात तक बाधित रही.
वहीं जैसे ही हवा का रुख थोड़ा शांत पड़ा तो आसमान से बर्फ के छोटे-बड़े टुकड़ों के साथ जमकर बारिश हुई. वर्षों बाद जिले में ओलावृष्टि का यह नजारा देखने को मिला है. एक बार तो ऐसा लगा मानो दिन में ही रात हो गयी हो. कुछ ही पलों के बाद धूप भी निकल आया और माहौल पूर्ववत हो गया.
ओलावृष्टि से फसलों को हुआ भारी नुकसान : अचानक मौसम ने करवट बदली और आंधी-पानी के साथ ओलावृष्टि भी होने लगी.
किसान जो अपने फसल की कटनी में जुटे हुए थे. वे अपना सिर छुपाने के लिए खेतों से भाग-खड़े हुए. ओलावृष्टि होते देख किसान काफी मायूस हो गये.
उन्हें अपने फसल की बर्बादी दिखने लगी. ओलावृष्टि के कारण रब्बी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गये. विशेषकर खेसारी का फसल का हाल यह हुआ कि अब उसे कोई काटने वाला भी नहीं मिलेगा.
ऐसे में किसानों के पूरी साल की मेहनत बर्बाद हो गयी. वहीं गेहूं के फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है. गेहूं की फसल ओलावृष्टि व तेज हवा के कारण पूरी तरह से खेतों में गिर पड़ा. ऐसे में इसका प्रतिकूल प्रभाव उपज पर पड़ना लाजमी है.
ओलावृष्टि व बारिश होते देख किसान सिर पकड़ कर बैठ गये. उन्हें अपनी बर्बादी साफ झलकने लगी. किसान रामउदय सिंह ने बताया कि पूरी मेहनत बर्बाद हो गयी. फसल पूरी तरह से तैयार था. उसे खेतों से घर लाना था. इस कार्य में किसान जुटे हुए भी थे, लेकिन प्रकृति ने ऐसी मार मारी कि अब उससे उबरना मुश्किल दिखता है.
शहर की सड़कों पर जलजमाव से चलना हुआ मुश्किल : आंधी-पानी के साथ हुई ओलावृष्टि से शहर की सड़कों पर जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. वहीं कच्ची सड़कों पर भी चलना मुश्किल हो गया.
सड़कों पर जल-जमाव से लोगों की परेशानी बढ़ गयी. नप प्रशासन द्वारा पूर्व के दिनों में शहर की सड़कों से मिट्टी व बालू हटवाये थे, ताकि सड़कों पर जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं हो.
थोड़ी देर की बारिश ने ही नप प्रशासन की जल-जमाव मुक्त शहर की परिकल्पना को धाराशायी कर दिया. कई स्थानों पर जल-जमाव के कारण वाहनों के परिचालन में भी परेशानी होने लगी. बारिश खत्म होते ही सूर्य की तीखी किरणों से लोगों का सामना हुआ.
तेज आंधी ने दो ऑटो को गड्ढे में ढकेला
किंजर अरवल. एकाएक मौसम का मिजाज बदला और दोपहर में ही अंधेरा छा गया. आंधी पानी के साथ ओलावृष्टि भी जमकर हुई. कई जगह घरों का खपरैल, फुस और करकट की छत उड़ गये. वहीं किंजर थाना मोड़ स्थित एक झोंपड़िनुमा होटल पूरी तरह से जमीनदोज हो गया. इ
स दौरान होटल संचालक जगदीश राम की पत्नी व उसके एक छोटे बच्चे को चोट भी लगी. वहीं आंधी में होटल के बगल में टेंपो स्टैंड से दो ऑटो को तेज आंधी ने उड़ाकर बगल के गड्ढे में लेकर चला गया.
नुकसान से बेपरवाह बच्चों ने लिया ओलावृष्टि का आनंद
अचानक हुई ओलावृष्टि से किसानों के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी. क्योंकि खेतों और खलिहानों में फसलें ओलावृष्टि की चपेट में आकर नष्ट हो रही थी. वहीं बगीचे में आम के छोटे टिकोले ओले की मार से जमीन पर गिर रहे थे, लेकिन इन सबसे बेफिक्र छोटे बच्चे आसमान से गिरते ओले को देखकर बहुत खुश हो रहे थे.
चोटों की परवाह न कर ओलों को इकट्ठा कर बर्तन में जमा कर रहे थे. कुछ इसका स्वाद भी लेने की कोशिश में थे. आम के बगीचे में गिरे हुए टिकोलों को चुनने के लिए बच्चों में होड़ मची थी. जूट के बोरे को ओढ़कर बच्चे टिकोलों को इकट्ठा कर बहुत खुश हो रहे थे.
वहीं तेज आंधी-पानी के साथ हो रही ओलावृष्टि में बच्चों को चोट न लग जाये, इसके लिए बड़े-बूढ़े उन्हें डांटते नजर आये, लेकिन बच्चों को इन सबकी क्या फिक्र वह तो अपनी ही दुनिया में मस्त थे और हाथों में ओलों की ठंडक का अनुभव कर उसी से फूले न समा रहे थे.
टूटे तार और पोल, गुल हुई बिजली
तेज आंधी-पानी ने कई जगहों पर बिजली के तार व पोल को तोड़ दिये. शहर के राजाबाजार रेलवे पुल के समीप 11 हजार वोल्ट के संचरण लाइन के पोल तेज आंधी में टूट गयी. आंधी-पानी के बाद जिले में लगभग चार घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित हो गयी. इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. आंधी-पानी समाप्त होते ही बिजली कंपनी के कर्मी बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए जुट गये.
राजाबाजार में रेलवे पुल के समीप टूटे पोल को कर्मियों ने बदलकर नया पोल लगाया, लेकिन तेज आंधी के कारण कई जगह पर तार टूट जाने के कारण बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमरायी रही. बिजली कंपनी युद्धस्तर पर टूटे तार और पोल को खड़ा कर एक-एक फीडर में बिजली आपूर्ति बहाल किया.
आंधी-पानी के बाद चरमरायी विद्युत व्यवस्था : अरवल/मोदनगंज. अरवल जिले के कई जगहों पर तेज आंधी -पानी के कारण विद्युत व्यवस्था चरमरा गयी. कई जगह तार गिर जाने के कारण घंटों बिजली बाधित रही. इस संबंध में विद्युत कार्यपालक अभियंता मोख्तार आलम ने कहा कि रात तक बिजली व्यवस्था सामान्य हो जाने की उम्मीद है.
अरवल ग्रामीण तो चालू हो गया, शहरी भी चालू हो जायेगा. इमामगंज फीडर देर रात तक चालू हो जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर तार गिर जाने के कारण विद्युत व्यवस्था सामान्य नहीं हो सका है.
इधर मोदनगंज प्रखंड क्षेत्र में करीब 1:30 बजे दोपहर से बिजली गुल रही, जिससे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. पेयजल के लिए लोगों को इधर-उधर भटकते देखा गया. उपभोक्ता पप्पू कुमार, संजय शर्मा का कहना है कि प्रखंड में व्याप्त पेयजल संकट से निजात दिलाने में बिजली की जरूरत पड़ती है.
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