जहानाबाद : पुण्य कमाने की विशेष तिथि माघ मास शुक्ल पक्ष सप्तमी को महिलाओं ने स्नान कर पूजा-पाठ की. मंगलवार को अचला सप्तमी पर महिलाओं ने सुख-समृद्धि के लिए सुबह में स्नान ध्यान कर विधि-विधान से भगवान भास्कर की पूजा की और पुरोहितों को दान स्वरूप अन्न, फल, मिष्ठान व रुपये-पैसा दान में दिया. ब्रह्म मुहूर्त में महिलाओं ने सिर पर धतूरा का पत्ता व पैर पर बैर का पत्ता रख स्नान किया.
अचला सप्तमी पर महिलाओं ने 24 घंटे का उपवास रख भगवान सूर्य को दीप दान किया. सौभाग्य व संतान प्राप्ति के लिए मनाये जाने वाले अचला सप्तमी पर सुबह से ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा-पाठ की तैयारी चल रही थी. लोग कुंआ, तालाब के अलावे विभिन्न जलस्रोतों पर स्नान कर पूजन सामग्री लिए आराधना करने पहुंची थी. पुरोहित शरद द्विवेदी के अनुसार अचला सप्तमी पर गंगा स्नान का भी काफी महत्व है.
प्रात: काल में स्नान कर सूर्य को दीप दान करना काफी फलदायी माना जाता है. उन्होंने बताया कि व्रत करने से पापों का क्षय होता है व रोग व्याधि से मुक्ति मिलती है. भगवान सूर्य की आराधना कर भक्त पुरोहितों को मिष्ठान भोजन कराते हैं. कहा जाता है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर पूजा-पाठ के बाद दान पुण्य करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है.