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भारत में सजा काटने के बाद भी अपने वतन लौटने को तैयार नहीं ये पाकिस्तानी
अश्विनी कुमार जहानाबाद : नाम सैयद नकी आलम, पहचान पाकिस्तानी नागरिक, चाहत हिंदुस्तानी बनने की. आखिरी इच्छा मरने के बाद भारत की मिट्टी में दफन होने की. कराची के गुलशन इकबाल मुहल्ले का निवासी यह शख्स वीजा लेकर हिंदुस्तान की जमीं पर आया था. बहरहाल, वह जहानाबाद जिले के काको मंडल कारा में सुरक्षा के […]
अश्विनी कुमार
जहानाबाद : नाम सैयद नकी आलम, पहचान पाकिस्तानी नागरिक, चाहत हिंदुस्तानी बनने की. आखिरी इच्छा मरने के बाद भारत की मिट्टी में दफन होने की. कराची के गुलशन इकबाल मुहल्ले का निवासी यह शख्स वीजा लेकर हिंदुस्तान की जमीं पर आया था. बहरहाल, वह जहानाबाद जिले के काको मंडल कारा में सुरक्षा के ख्याल से मेहमान की तरह रह रहा.
अरवल थाने में 30 अक्टूबर 2012 को कांड संख्या 196/12 प्राथमिकी दर्ज करा इसको गिरफ्तार किया गया था. आरोप था कि वीजा की अवधि समाप्ति के बाद भी पाकिस्तान नहीं लौटना. इसके उपर विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. तीन वर्षों तक सश्रम कारावास की सजा काटने के बाद भी नकी अपने वतन जाने को तैयार नहीं है. बताया जाता है कि यहां आने के बाद इसने दो-दो शादियां कीं. पहली शादी फुलवारीशरीफ के रपतजहां के साथ की, फिर तलाक के बाद इसने दूसरी शादी भोजपुर के अवगीला गांव निवासी आसरा निगर के साथ की. जो फिलहाल अरवल के शाही मुहल्ले में अपने ससुर के साथ रह रही है.
उसे आस है कि आज न कल हमारा शौहर जरूर मेरे पास आएगा. सरकार हमारी फरियाद सुनकर हमारे पति को भारत की नागरिकता जरूर देगी. दिलचस्प पहलू यह भी है कि नकी के पिता डॉ मसूद आलम जो अरवल के शाही मुहल्ले के वासी हैं, लेकिन इनके कुछ रिश्तेदार पाकिस्तान में रच-बस गये हैं. जब नकी बालिग हुआ तो वह घर आये अपने रिश्तेदारों के साथ पाकिस्तान चला गया था और वहीं का नागरिक बन बैठा. किसी तरह वीजा बनाकर हिंदुस्तान की जमीं पर लौट आया लेकिन मुसीबत अब इसका पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है.
नागरिकता प्रमाणित करने के लिए 29 अगस्त 2018 को तिहाड़ जेल में काउंसेलिंग भी करायी गयी. जहां पाकिस्तान के हाई कमिश्नर काउंसलर फौजिया मंजूर और भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने इसकी दलीलें सुनने के बाद नागरिकता पर मुहर लगाने की अर्जी स्वीकार कर ली है. हालांकि, अभी इस पर निर्णय नहीं हो सका है़ जेलर संजीव कुमार ने भी इसके जेल में रहने की पुष्टि की है.
बोले विधि-विशेषज्ञ
अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अगर नकी को भारत की नागरिकता नहीं मिली तो इसे पाकिस्तान जाना ही होगा. नागरिकता में इसकी मर्जी नहीं चलेगी. लेकिन हां ! भारत की नागरिकता के लिए इसे अपील करनी होगी. जिला प्रशासन के द्वारा इसकी अर्जी सरकार को जायेगी और वहां से विदेश मंत्रालय के द्वारा नागरिकता मिलने के बाद ही हिंदुस्तान में इसे रहने की आजादी होगी.
सियाराम शर्मा, अधिवक्ता, अरवल
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