जहानाबाद : जिस काम को करने में डर लगता है उसको करने का नाम ही साहस है. मुट्ठीभर संकल्पवान लोग जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था हो वही इतिहास की धारा बदल सकते हैं. कुछ ऐसी ही बानगी पेश की है गुड़ियारी पर गांव के तीन साहसी युवाओं प्रमोद, नीरज और शशि ने. खासकर प्रमोद के अदम्य साहस को गांव -जेवार के लोग भी सैल्यूट कर रहे. जिसने खुद की जान की परवाह किये बगैर सैकड़ों लोगों की जान बचायी. बुधवार की देर शाम जहानाबाद के इन बहादुर युवकों ने रेलवे ट्रैक पर लटक रहे हाईवोल्टेज बिजली के तार को देखकर लाल टी-शर्ट लहराते हुये ट्रेन रोक कर बड़ा हादसा टाल
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ट्रेन हादसा रोकने वाले युवाओं का प्रभात खबर ने िकया सम्मान
जहानाबाद : जिस काम को करने में डर लगता है उसको करने का नाम ही साहस है. मुट्ठीभर संकल्पवान लोग जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था हो वही इतिहास की धारा बदल सकते हैं. कुछ ऐसी ही बानगी पेश की है गुड़ियारी पर गांव के तीन साहसी युवाओं प्रमोद, नीरज और शशि ने. खासकर प्रमोद […]
ट्रेन हादसा रोकने…
दिया था. इन साहसी युवकों की इस जागरूकता और जज्बे को सम्मान देने प्रभात खबर टीम उनके द्वार तक गयी. अपने सामाजिक सरोकारों की पत्रकारिता के लिए विशिष्ट पहचान रखने वाले प्रभात खबर अखबार की टीम को देखकर गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने बीते दिन की बानगी सुनाते हुये गांव के लाल पर गर्व करते हुये गौरव गाथाएं सुनायी. इन्हीं गांवा वालों की मौजूदगी में गांव के ही एक दलान में इन साहसी युवकों को प्रभात खबर टीम ने सम्मानित किया. प्रशंसा-पत्र,स्मृति चिन्ह,चांदी के सिक्के और पांच सौ रूपये की नगद राशि देकर युवकों का हौसला भी बढाया. सम्मान पाकर गद्गद् साहसी युवाओं ने कहा कि ये सम्मान मेरे जीवन का अनमोल क्षण है .ताउम्र इसे सीने से लगाये रखूंगा.
गांव वालों की जुबानी
अब तक तो हमलोग अखबार का काम खबर लिखना ही जानते थे, लेकिन पहली बार अखबार वालों के द्वारा सम्मान मिलता देख अचंभित हूं. जो काम प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए था वो अब प्रभात खबर कर रहा है. अभी तक प्रभात खबर का स्लोगन पढा था कि ‘बिहार जागे देश आगे’. सचमुच में अखबार की देश को आगे ले जाने और लोगों में जागरूकता लाने के साथ उसे सराहने व सम्मानित करने की बात आज देख भी ली.
अखबार के अनोखे प्रयास को सराहते हुये बेहद खुश गांव वालों ने कहा कि ये मौका गांव के साहसी लाल ने दिया है. अब गांव का नाम दूर तक जायेगा. हौसले को बढावा देने के लिए गांव वालों ने प्रभात खबर टीम का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया है.साथ ही सम्मान पाये तीनों साहसी युवकों ने कहा कि यह सम्मान हमारे लिए अनमोल है जो हमारे जीवन में आगे भी हमें प्रेरणा देता रहेगा.
रेलवे में ही नौकरी की है तमन्ना-
गांव के वार्ड सदस्य पवन कुमार उर्फ गणेश सिंह के बेटे प्रमोद गांधी स्मारक इंटरस्तरीय उच्च विद्यालय जहानाबाद में 11वीं का छात्र हैं. पेशे से किसान पिता गणेश ने कहा कि आप लोगों के आगमन से ही मैं धन्य हो गया. आज मुझे गर्व है अपने लाल पर जिसे अच्छे संस्कार और परवरिश दी है . बेटे प्रमोद ने जान की परवाह किये बगैर दूसरों की जान बचाने के लिए पटरी पर लंबी दौड़ लगायी और ट्रेन को रूकवा कर सैकड़ों लोगों की जान बचा दी. इससे सिर्फ मेरा ही नहीं मेरे गांव के लोगों का भी सिर ऊंचा हुआ है.
प्रमोद ने बताया कि बचपन में किताबों में पढी कहानियां आज काम आ गयीं. पढा था कि अगर हादसों को टालने के लिए ट्रेन रूकवानी हो तो लाल कपड़ा दिखा कर उसे रूकवाया जा सकता है. जिसे लागू करते हुये लोगों की जान बचायी. मेरे पास तो लाल रंग की टी-शर्ट नहीं थी लेकिन मेरे दोस्त नीरज ने अपनी लाल टी-शर्ट उतार कर मेरे हाथ में थमा दी. जिसे लेकर मैं पटरियों पर दौड़ता रहा. वहीं गांव के ही मोहित यादव के पुत्र नीरज एसएन सिन्हा कॉलेज में बीएससी पार्ट टू के छात्र हैं. उसके पिता भी खेती-किसानी कर बच्चों की परवरिश कर रहे हैं. अगर नीरज ने इस ठंड की शाम में खुद की लाल टी-शर्ट उतार कर नहीं दी होती तो शायद हादसे को टालना संभव नहीं था. वहीं तीसरे युवक शशि गांव के ही रामाश्रय सिंह का पुत्र हैं .पिता जी किसान हैं .नदौल कॉलेज में बीए पार्ट टू के छात्र शशि भी दौड़ लगाते हुए बार-बार रेल ड्राइवर को विद्युत तार की ओर इशारा कर खतरे को अगाह कर रहे थे. तीनों युवकों ने रेलवे में ही नौकरी करने की तमन्ना जतायी है.
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