जंगल व घाटी में बने इस पुल की भौगोलिक स्थिति सुरक्षित यातायात में बाधक
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दुर्घटना का पर्याय बन गया है बटिया घाटी का चिरेन पुल
जंगल व घाटी में बने इस पुल की भौगोलिक स्थिति सुरक्षित यातायात में बाधक दर्जनों दुर्घटनाओं के अलावे सड़क लुटेरों की भी है पसंदीदा जगह सोनो व चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र की सीमा पर स्थित है यह पुल सोनो : सोनो-लूट के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाला बटिया घाटी का चिरेन पुल अब दुर्घटनाओं का […]
दर्जनों दुर्घटनाओं के अलावे सड़क लुटेरों की भी है पसंदीदा जगह
सोनो व चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र की सीमा पर स्थित है यह पुल
सोनो : सोनो-लूट के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाला बटिया घाटी का चिरेन पुल अब दुर्घटनाओं का पर्याय बन गया है. कभी घाटी के दोनों तरफ सुलभ यातायात मुहैया कराने वाला चिरेन पुल वर्तमान में अभिशप्त होता जा रहा है. अब तो वाहनों के इस जगह से गुजरते वक्त चालक से लेकर यात्री तक एक बार अपने इष्ट को अवश्य अपनी कुशलता के लिए याद कर लेते हैं. बताते चलें कि इन दिनों इस पुल पर लगातार दुर्घटना घटित हो रहा है. दरअसल इस जगह की सरंचना ऐसी है
कि सावधानी हटते ही दुर्घटना सामने होती है. बीते दो दिनों में इस पुल पर जिस तरह दो बड़ी दुर्घटना हुई उससे प्रशासनिक तंत्र व संबंधित विभाग को यह समझना चाहिए कि अंग्रेज जमाने के इस सड़क को चिरेन के समीप कैसे चौड़ा करे ताकि वाहनों की आवाजाही बिना परेशानी के हो सके व दुर्घटनाओं को टाला जा सके. बताते चलें कि बीते रविवार की सुबह इस पुल पर तीन ट्रक आपस में टकरा गया था. जिसमें एक चालक की मौत हो गयी. जबकि अन्य दो गंभीर रूप से घायल हो कर इलाजरत हैं.
इस दुर्घटना के 24 घंटे बाद ही सोमवार की सुबह पुनः उसी जगह दो ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इससे पूर्व बीते 31 अगस्त व एक सितंबर को इसी अंदाज में कई ट्रक आपस में टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. इसमें कावरियों का एक बोलेरो भी चपेट में आया था. घटना के बाद इस मार्ग घंटों आवागमन भी प्रभावित होता रहा है. बीते 19 सितंबर,13 सितंबर को भी कई वाहन आपस में टकरा गया था. इनके अलावे दो माह पूर्व भी लगातार दो दुर्घटना इसी चिरेन पुल पर हुई थी. जिसमे बालू भरा एक ट्रक तो पुल के नीचे जा गिरा था.
तीन माह पूर्व इसी जगह गिट्टी लदा एक ट्रक चिरेन पुल के समीप पहाड़ से जा टकराया. इसी पुल पर एक ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद उक्त वाहन में आग लग गया था. इतिहास के पन्नो को पलटते जाने पर चिरेन पुल के समीप ऐसी दर्जनों दुर्घटनाओ की कहानी खुलती चली जायेगी. जिसमें कई काल के गाल में समा गए जबकि दर्जनों घायल हुए. बताते चलें कि घाटी के बीच बहने वाली गहरे नदी पर बने इस पुल के सिवाय और कोई रास्ता घाटी पार करने का नहीं है. लिहाजा जब जब पुल पर हादसे होते हैं तब तब सड़क अवरुद्ध होता है और वाहनो को जाम का सामना करना होता है.
सड़क लुटेरों की भी है पसंदीदा जगह
चिरेन पुल के समीप की भौगोलिक सरंचना सड़क लुटेरों को भी आकर्षित करती है. दोनों ओर की सड़कों से आने जाने वाले वाहन के नही दिखने व सड़क की चढ़ाई के कारण सड़क लुटेरों का यह पसंदीदा जगह है. आंकड़ों को देखा जाय तो दुर्घटनाओं की ही तरह यहां दर्जनों सड़क लूट की घटना भी हुई है.
सोनो व चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र का है सीमा
चिरेन पुल सोनो व चंद्रमंडीह दो थाना क्षेत्र की सीमा भी है जो सड़क हादसे के घायलों व सड़क लूट के शिकार हुए लोगो के लिए अभिशाप भी है. दरअसल दोनों ही प्रकार की घटनाओं में आमतौर पर दोनों थाना की पुलिस एक दूसरे के क्षेत्र की बात कहकर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने से बचते है जिसका खामियाजा पीड़ित लोगो को भुगतना पड़ता है. इन परिस्थितियों में आम यात्री सरकार की ओर आस लगाये बैठी है कि कब सरकार का ध्यान इस अभिशप्त चिरेन पुल पर जाय और दुर्घटनाओं का सिलसिला रुक सके.
भौगोलिक बनावट सुरक्षित यातायात में है बाधक
बटिया घाटी में अंग्रेज जमाने से ही पहाड़ काटकर सड़क बनाया गया था. इसी दौरान चिरेन नदी पर पुल भी बना था. अपेक्षाकृत इस संकरे पुल के दोनों ओर के संपर्क पथ घुमावदार व चढ़ाई पर है जबकि सड़क के दोनों ओर बड़े-बड़े पहाड़ है. ऐसी भौगोलिक स्थिति के कारण एक तरफ से आ रहे वाहन को पुल के दूसरी ओर से आ रहा वाहन नही दीखता है और चूंकि एक तरफ से ढलुआ रास्ता से आने वाले वाहन को पुल के दूसरी ओर चढ़ाई का रास्ता तय करना होता है. इसलिए प्रायः
वाहन पुल पर आते वक्त तेज गति में होते है ताकि सड़क की चढ़ाई चढ़ने में वाहन को परेशानी नहीं हो. खासकर सामान से लदे ट्रक यदि तेज गति में नही आएंगे तो उन्हें परेशानी होगी. अब ऐसे में जबकि दूसरी ओर के वाहन नही दिख रहे हो तब दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.इस समस्या से परेशान वाहन व लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं को देखते हुए जानकार कहते है कि पुल को थोड़ा चौड़ा कर उसके संपर्क पथ के समीप के बड़े बड़े चट्टान को नयी व आधुनिक तकनीकी से काट कर उस जगह को चौड़ा किया जाना चाहिए ताकि पुल के दोनों ओर के वाहन चालक एक दूसरे के वाहन को आसानी से देख सके. इतनी दुर्घटनाओं के बावजूद इसके समाधान को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है.
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