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पूर्व में भी कई घटनाओं को दे चुके हैं अंजाम

वर्ष 1999 में नक्सलियों ने जिला में पहली बार घटना को अंजाम देकर दर्ज करायी उपस्थिति जमई : जमुई जिले का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा नक्सल प्रभावित है और नक्सली जिले के भौगोलिक बनावट का फायदा उठा कर हर बार घटना को अंजाम देकर बड़े ही आराम से निकल जाते है. जिले में नक्सली वारदातों […]

वर्ष 1999 में नक्सलियों ने जिला में पहली बार घटना को अंजाम देकर दर्ज करायी उपस्थिति

जमई : जमुई जिले का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा नक्सल प्रभावित है और नक्सली जिले के भौगोलिक बनावट का फायदा उठा कर हर बार घटना को अंजाम देकर बड़े ही आराम से निकल जाते है. जिले में नक्सली वारदातों की लंबी फेहरिस्त रही है. नक्सलियों के वारदात के
फेहरिस्त का आगाज वर्ष 1999 में के सितंबर माह में संसदीय चुनाव करा कर लौट रहे पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट व दो मतदान कर्मियों को दीपाकरहर के समीप बारूदी सुरंग विस्फोट कर व तीन जवानों की बंदूक लूट कर कर दिया था. जिसके बाद वारदातों का सिलसिला अनवरत जारी रहा. 9 अगस्त 2003 को नक्सलियों ने हरखार पंचायत के मुखिया गोपाल साव,शंभु साव सहित तीन लोगों की गला रेत कर हत्या कर घर को विस्फोट कर उड़ा दिया था.
10 अगस्त 2003 को नक्सलियों ने तत्कालीन डीएम व एसपी के काफिले पर गोली बारी कर झाझा थाना के पुलिस निरीक्षक कपिलदेव प्रसाद की हत्या कर 5 सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. वर्ष 2004 में खैरा प्रखंड के मुड़बरो गांव के रफीक ,खुर्शीद व कारू मियां की नक्सलियों ने गला रेत कर हत्या कर दी. सन 2007 में नक्सलियों ने लक्ष्मीपुर प्रखंड कार्यालय व खैरा के गरही स्थिति सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन को विस्फोट कर उड़ा दिया था.
9 फरवरी 2009 को कौआकोल(नवादा) सीमा पर स्थित महुलियाटांड में रैदास जयंती समारोह के दौरान हमला कर एक दरोगा समेत दस सैप जवानों की हत्या कर दी थी. एक नवंबर 2011 को सोनो थाना क्षेत्र के बलथर घाट पर पुल निर्माण में लगे 11 मजदूर व तीन ग्रामीणों को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था. 8 दिसंबर 2011 को पकरी घाट से पुल निर्माण में लगे 4 कर्मियों का अपहरण कर लिया था.
23 मार्च 2012 को नक्सलियों ने विस्फोट कर खैरा प्रखंड कार्यालय के भवन को उड़ा दिया था और गिद्धेश्वर बालू घाट के समीप खड़े 12 ट्रकों को आग के हवाले कर ललदैया कॉजवे को क्षतिग्रस्त कर दिया था. 19 सितंबर 2012 को गिद्धेश्वर जंगल के समीप पुलिस गश्ती वाहन पर हमला कर पुलिस पदाधिकारी जेके सिंह की हत्या कर दी थी और अवर निरीक्षक कमलेश कुमार समेत तीन पुलिस कर्मियों को घायल कर दिया था. 26 जनवरी 2013 को नक्सलियों ने रात्रि के 12 बजे बादिलडीह घाट पर बन रहे पुल के निर्माण स्थल से 8 मजदूरों को अगवा कर लिया था.
7 अप्रैल 2013 को रात्रि में नक्सलियों ने विस्फोट कर खैरा पाबर सब स्टेशन के कंट्रोल रूप को उड़ा दिया था. 24 अप्रैल 2013 को नक्सलियों ने सिकंदरा प्रखंड के बसैया गांव के समीप से धनपत राय कंस्ट्रक्शन के दो मजदूरों को अगवा कर लिया था. 25 अप्रैल 2013 को नक्सलियों ने बरहट प्रखंड के पैसराहा में निर्माण कंपनी के मुंशी प्रियनंद की हत्या कर दी थी.
13 जून 2013 को नक्सलियों ने कुंदर हॉल्ट के समीप धनबाद-पटना इंटरसीटी एक्सप्रेस की हमला कर दो पुलिस पदाधिकारियों व एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी और 25 लोगों को घायल कर दिया था. 19 सितंबर 2013 को खैरा प्रखंड के परासी गांव में निर्माणाधीन पुलिस कैंप को केन बम से विस्फोट कर उड़ा दिया था.
उसके बाद पुलिस वाहन पर हमला कर एसटीएफ जवान अंशुमन कुमार को मौत के घाट उतार दिया था और दो जवानों को घायल कर दिया था. 23 जनवरी 2016 को हरनी पंचायत के पूर्व सरपंच दिनेश तांती की नक्सलियों ने गला रेत कर हत्या कर दी. 14 फरवरी 2016 को रात्रि में नक्सलियों ने केन बम विस्फोट कर बरहट प्रखंड कार्यालय के भवन का उड़ा दिया. नक्सलियों ने बरहट प्रखंड कार्यालय को उड़ा कर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराते हुए पुलिस प्रशासन को फिर एक कड़ी चुनौती दी है.

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