प्रतिनिधि : जमुई ईद उल अजहा का त्योहार शुक्रवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
बकरीद के अवसर पर मुसलमान भाइयों ने प्लस टू उच्च विद्यालय जमुई बाजार के समीप ईदगाह मैदान समेत विभिन्न मसजिदों और इदगाहों में बड़ी संख्या में जुट कर नमाज अदा की और गले मिल कर एक दूसरे को बधाई दी.
ईद उल अजहा के बारे में जानकारी देते हुए सुन्नी उलेमा बोर्ड के सचिव मौलाना जियाउर्र रसूल गफ्फारी ने बताया कि स्माइल अलेही सलाम अल्लाह के पैगम्बर थे.
एक दिन अल्लाह ने उन्हें स्वप्न दिया कि तुम अपनी सबसे प्यारी चीज को कुर्बान कर दो. इसके पश्चात उन्होंने अपने पुत्र इब्राहिम अलेही सलाम को अल्लाह का फरमान मान कर अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर कुर्बान कर दिया.
जब उन्होंने कुर्बानी के पश्चात जब अपनी आंख खोली तो देखा कि दुम्मा की कुर्बानी हो गयी है और उनका पुत्र बिल्कुल सुरक्षित है. तभी से इब्राहिम अलेही सलाम की कुर्बानी की याद को ताजा करने के लिए बकरीद का त्योहार मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि कुर्बानी बकरीद की 10 वीं तारीख को जानवर की कुर्बानी देने के पश्चात उसके मांस को तीन भाग में बांट देना चाहिए.
प्रथम भाग पड़ोसियों व दोस्तों,दूसरा भाग गरीबों व मजलुमों तथा तीसरा हिस्सा स्वयं रखना चाहिए. मो गफ्फारी ने बताया कि बकरीद के अवसर पर दसवीं,ग्यारहवीं व बारहवीं तारीख को भी कुर्बानी दी जाती है.
गिद्धौर से प्रतिनिधि के अनुसार प्रखंड में बकरीद पर्व शांति व शौहार्दपूर्ण वातावरण में विधिवत संपन्न हो गया़ शुक्रवार को मुस्लिम धर्मावलंबियों ने आपसी भाइचारे के साथ जूम्मे की नमाज आता कर गिद्घौर के जामा मसजिद में अल्लाह ताला से अपने परिवार सहित देश वासियों के अमन चैन की दुआ मांगी.
वहीं इस दौरान मुस्लिम कौम के लोगों ने नमाज अदायगी के दौरान मक्का मदिना में भगदड़ से हुए मौत पर दो मिनट का मौन रखा. इस दुख की घड़ी में अल्लाह से उनके परिवार पर रहमत बनाये रखने की दुआ मांगी़
इस अवसर पर दंडाधिकारी महेश प्रसाद सिंह ,थानाध्यक्ष विजय कुमार यादवेन्दू दल बल के साथ प्रखंड के मौरा, धनियाठिका ,बरदघट्टा , केतरू नवादा ,कैराकादो आदि अल्पसंख्यक टोले में दल बल के लगातार गश्ती करते दिखे़