इस बीच परिजन थानाध्यक्ष से लेकर एसीपी तक से बराबर मिलते रहे है. भोला की बरामदगी का आश्वासन लेकर वे लोग घर आते हे. घर वाले चिंता में डूबे है. उन्हें तरह-तरह की आशंका घेर रही है. ये लोग न तो ठीक से खा पी रहे है और न ढंग से सो पा रहे है. शुक्रवार को भोला का भाई महेंद्र राणा व पुत्र मिथुन सोनो थाना पहुंच कर उसके सकुशल बरामदगी की गुहार लगायी.
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लापता भोला राणा का अब तक नहीं मिला सुराग
सोनो: दहियारी पंचायत क डोमाथान निवासी 45 वर्षीय भोला राणा का लापता होने का 25 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला पाया है. पत्नी देवंती देवी, पुत्र मिथुन राणा,भाई महेंद्र राणा, पिता पूरन राणा के अलावा उसकी पुत्री व अन्य परिजन बेहद चिंतित है. प्रत्येक सुबह भोला की सकुशल बरामदगी की खबर की आशा […]
सोनो: दहियारी पंचायत क डोमाथान निवासी 45 वर्षीय भोला राणा का लापता होने का 25 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला पाया है. पत्नी देवंती देवी, पुत्र मिथुन राणा,भाई महेंद्र राणा, पिता पूरन राणा के अलावा उसकी पुत्री व अन्य परिजन बेहद चिंतित है. प्रत्येक सुबह भोला की सकुशल बरामदगी की खबर की आशा लगाये परिजन को अब तक मायूसी ही नसीब हुई है.
क्या हैं मामला
चार अप्रैल को जमुई पुलिस की विशेष टीम द्वारा संध्या तीन बजे भोला राणा को पूछताछ के लिये जमुई ले जाया गया था. उस वक्त भोला अपने ताशा पार्टी के सदस्यों के साथ कुसैया एक शादी समारोह में जा रहा था. पुलिस का कहना हैं कि पूछताछ के बाद उसे पांच अप्रैल की सुबह आठ बजे छोड़ दिया गया था. लेकिन भोला घर पहुंच ही नहीं सका. राहस्यमय ढंग से लापता भोला की खोज लगातार जारी हे. परंतु 25 दिन बाद भी पुलिस को भोला का कोई सुराग नहीं मिला सका. इस बीच पुत्र 22 वर्षीय मिथुन राणा द्वारा सोनो थाना में इस संबंध को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी. उस वक्त पुलिस ने अपनी खोज का केंद्र बिंदु जमुई-झारखंड की सीमा के क्षेत्र को बनाया था.
सफलता नहीं मिलते देख आक्रोशित परिजन व ग्रामीणों ने 12 अप्रैल को बटिया में जमुई-चकाई मुख्य मार्ग को घंटों अवरुद्ध रखा. झाझा एसडीपीओ सियाराम द्वारा 18 अप्रैल तक की समय मांगे जाने पर बड़ी मशक्कत के बाद सड़क जाम हटाया जा सका था. भोला की बरामदगी नहीं हो पाने पर परिजन व दर्जनों ग्रामीणों 18 अप्रैल को ही जमुई जाकर एसपी जयंतकांत से मिलकर अपनी बातों को रखा. एसपी ने सड़क जाम से समस्या का समाधान नहीं होने की बात को समझाते हुए कुछ और समय की मांग किया. दो दिन बाद 20 अप्रैल को एसपी, झाझा एसडीपीओ व थानाध्यक्ष भोला के घर पर पहुंच कर भोला की शीघ्र बरामदगी का आश्वासन दिया. परंतु इस आश्वासन के आठ दिन बाद भी परिजनों को कोई शुभ समाचार नहीं मिल सका.
पुलिस के लिए बना सिरदर्द
भोला के लापता का मामला पुलिस के लिए भी सरदर्द साबित हो रहा है. एसपी जयंतकांत के निर्देश पर जमुई पुलिस द्वारा भोला को पूछताछ के लिये लाया गया था. भले ही पुलिस य कह रही हो कि उसे अगले दिन सुबह छोड़ दिया गया था. लेकिन भोला के भाई व अन्य कई परिजनों का मानना हैं कि पुलिस हिरासत में ही भोला लापता हुआ है. यूं तो पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच करते हुए भोला की खोज में जुटी हुई है. परंतु 25 दिनों बाद भोला के नहीं मिलने से ना सिर्फ परिजन बल्कि ग्रामीण भी पुलिस सक्रियता पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे है. पुलिस से लेकर आम लोग तक यह जानने के बेसब्र है कि आखिर भोला गया कहां और पुलिस उसे कब खोज निकालेगी.
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