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बर्तन दुकान में फंदे से लटका मिला दुकान स्टाफ का शव

सोनो : प्रखंड मुख्यालय स्थित मुख्य बाजार में गोविंद सिंह चौक के समीप बासन नामक बर्तन दुकान में बुधवार की दोपहर उसी दुकान के एक स्टाफ 38 वर्षीय रामदेव तांती का रस्सी से लटकता शव बरामद हुआ. दुकान में शव मिलने की सूचना फैलते ही दुकान के समीप भारी भीड़ उमड़ गयी. इस मौके पर […]

सोनो : प्रखंड मुख्यालय स्थित मुख्य बाजार में गोविंद सिंह चौक के समीप बासन नामक बर्तन दुकान में बुधवार की दोपहर उसी दुकान के एक स्टाफ 38 वर्षीय रामदेव तांती का रस्सी से लटकता शव बरामद हुआ. दुकान में शव मिलने की सूचना फैलते ही दुकान के समीप भारी भीड़ उमड़ गयी.

इस मौके पर प्रभारी थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना करने के उपरांत शव को फंदे से उतार कर कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए जमुई भेज दिया. मृतक रामदेव चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र के धमनियां गांव का रहने वाला था जो बचपन से ही अपने चाचा मूरत तांती के साथ सोनो में रह रहा था.
बर्तन के जिस दुकान से शव बरामद हुआ उसमें वह बीते दस वर्षों से काम कर रहा था और मालिक का बेहद विश्वासपात्र था. दुकान के मालिक सहित अन्य लोगों का अनुमान है कि तनाव में रह रहे रामदेव ने खुद रस्सी का फंदा बनाते हुए फांसी पर लटक कर आत्महत्या कर ली. पुलिस को घटनास्थल या मृतक की जेब से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. मृतक के पॉकेट से सिर्फ उसका मोबाइल बरामद हुआ है.
सोनो अस्पताल कैंपस में रह रहे मृतक के चाचा मूरत तांती ने बताया कि मंगलवार की रात खाना खाकर वह साथ में ही सोया था लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी. वह कुछ तनाव में था. अगले दिन बुधवार को सुबह 9 बजे नाश्ता करके वह दुकान के लिए निकला था. बर्तन दुकान का मालिक मनीष कुमार वर्णवाल उर्फ पप्पू ने बताया कि लगभग 9 बजे रामदेव दुकान का चाभी लिया और एक अन्य स्टाफ को लेकर दुकान खोला था.
साफ सफाई के बाद दूसरा स्टाफ वहां से वापस मेरे दूसरे दुकान पर आ गया और रामदेव बासन दुकान में अकेला बच गया था. दोपहर साढ़े ग्यारह बजे के बाद कुछ ग्राहकों ने उसके पास आकर बताया कि उनका दुकान खुला हुआ है लेकिन कोई वहां नहीं है. लगभग 12 बजे मनीष खुद देखने बासन दुकान पर गया. जब वह दुकान के भीतर वाले कमरे में गया तब उसे फंदे से लटकता रामदेव का शव दिखाई दिया.
मनीष ने बताया कि रामदेव बीते चार माह से काफी डिप्रेशन में था और शायद इसलिए उसने खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया. शव के पॉकेट से बरामद मृतक के मोबाइल से कुछ जानकारी मिलने की उम्मीद लगाये पुलिस भी प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या का मामला ही मान रही है. प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है परंतु हम सभी बिंदुओं पर जांच कर रहे है.
घटना को लेकर पुलिस कर रही है छानबीन
प्लास्टिक की रस्सी से बने फंदे में लटकते रामदेव के शव को देख कर प्रथमद्रष्टया उसके द्वारा आत्महत्या किये जाने की बात प्रतीत होता है लेकिन पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है. मौके पर पहुंचे प्रभारी थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह ने मृतक के पॉकेट से बरामद उसके मोबाइल के कॉल डिटेल खंगालने में लग गये है. जैसा कि बताया गया कि 9 बजे सुबह रामदेव ने मालिक मनीष से चाबी मांग कर दुकान खोला और एक अन्य स्टाफ की सहायता से सफाई कर बर्तन वगैरह काउंटर पर लगाया.
लगभग 10 बजे तक वह दुकान में बेहतर स्थिति में था और 12 बजे से पूर्व ही ग्राहकों ने दुकान को खाली पाया. अगर उसने आत्महत्या किया तो इसी दो घंटे के भीतर. प्रभारी थानाध्यक्ष उसके मोबाइल पर आए इस दो घंटे के कॉल के डिटेल की तलाश में लगे है क्योंकि उनका मानना है कि अचानक दुकान खुला छोड़कर दुकान में मौजूद रस्सी से फंदे पर लटकने के पीछे कारण क्या था.
क्या कोई कॉल ऐसा आया था जिसके बाद रामदेव बेहद असहज हो गया और आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हुआ. जहां उसका शव लटका हुआ था वहां सीढ़ी उसी तरह लगा हुआ था जैसे उस पर चढ़कर छत के हूक से रस्सी लटकाया होगा. रस्सी से लटकने के कारण उसकी गर्दन के एक ओर रस्सी के निशान भी थे. बहरहाल पुलिस उक्त बरतन दुकान को बंद रखने का निर्देश दिया है.
कुछ माह से डिप्रेशन में रह रहा था रामदेव
बताया जाता है कि रामदेव बीते कुछ माह से काफी तनाव और डिप्रेशन में था. डिप्रेशन को लेकर वह चिकित्सक द्वारा दिये गये दवा का सेवन भी कर रहा था साथ ही वह अपनी कुछ अन्य अस्वस्थता को लेकर भी परेशान रहता था.
डिप्रेशन के कारण को लेकर दुकान के मालिक मनीष कुमार वर्णवाल ने बताया कि वह पारिवारिक कारणों से मानसिक रूप से परेशान था. कुछ दिन पूर्व वह अपनी पत्नी के व्यवहार से बहुत आहत हुआ था तभी से वह अपनी पत्नी को लेकर तनाव में रहने लगा था. मृतक रामदेव का चचेरा बड़ा भाई मुन्ना ने भी उसके डिप्रेशन में रहने की बात बताते हुए कहा कि नौकरी नहीं लगने और परिवार संचालन को लेकर वह तनाव में रह रहा था.
मुन्ना ने बताया कि इलाज कर रहे चिकित्सक से वह मरने संबंधी दवा वगैरह के बारे में पूछता था. उसके चाचा ने बताया कि अक्सर उसे नींद नहीं आती थी. बर्तन दुकान का मालिक मनीष ने भी बताया कि रामदेव नींद की दवा खाता था. बचपन से ही सोनो में रह रहा था रामदेव : टेलवा के समीप का गांव धमनियां निवासी किशुन तांती का पुत्र रामदेव बचपन से ही सोनो में अपने चाचा मूरत तांती के साथ रहने लगा था.
5 वर्ष की उम्र में चाचा के पास आये रामदेव की पढ़ाई सोनो में ही हुई. उसके चाचा मूरत तांती सोनो अस्पताल में कार्यरत थे जो हाल के वर्ष में सेवानिवृत्त हुए. वर्ष 2012 में रामदेव की शादी खैरा थाना क्षेत्र के हरपेटी गांव में हुआ था. उसे चार वर्ष और ढाई वर्ष का दो पुत्र भी है.
हाल के दिनों में उसकी पत्नी बच्चों को लेकर अधिकतर अपने मायके में ही रह रही थी. मृतक का चचेरा भाई ने बताया कि उसे नौकरी की लालसा था जिस कारण भी वह उदास रहता था. बर्तन व्यवसायी महेंद्र प्रसाद के पुत्र मनीष ने उसे अपने पास रखते हुए एक बर्तन दुकान की पूरी जिम्मेदारी उसे सौंप दिया था. रामदेव बीते दस वर्षों से मनीष के उस दुकान में रह रहा था.

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