सिमुलतला : खुरंडा पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय घोरपारण की आदिवासी शिक्षिका के साथ हुए छेड़खानी मामले में सुस्त प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध में सोमवार को आदिवासी समुदाय के लोगों ने थाना का घेराव कर काफी हो-हंगामा किया. सैंकड़ों की संख्या में रहे आदिवासी समाज के लोगों ने ढोल-नगाड़ा, तीर-धनुष के साथ सिमुलतला थाना का घेराव कर थानाध्यक्ष के विरुद्ध नारेबाजी किया. इस दौरान लोगों ने थाना के निकट कटोरिया झाझा मार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया था. जिससे आवागमन भी बाधित हो गया था
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सिमुलतला थाने का किया घेराव, सड़क जाम कर थानाध्यक्ष के तबादले की मांग
सिमुलतला : खुरंडा पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय घोरपारण की आदिवासी शिक्षिका के साथ हुए छेड़खानी मामले में सुस्त प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध में सोमवार को आदिवासी समुदाय के लोगों ने थाना का घेराव कर काफी हो-हंगामा किया. सैंकड़ों की संख्या में रहे आदिवासी समाज के लोगों ने ढोल-नगाड़ा, तीर-धनुष के साथ सिमुलतला थाना का […]
क्या था मामला . बताते चलें कि बीते 8 जून की देर संध्या करीब 09 बजे उक्त शिक्षिका पाटलिपुत्र एक्सप्रेस ट्रेन से सिमुलतला स्टेशन पर उतर कर वनगांवा स्थित अपने निवास स्थान पर जा रही थी.
इसी दौरान थाना क्षेत्र के वनगांवा गांव निवासी दिवाकर गुप्ता ने उसे घर छोड़ने के बहाने अपनी मोटरसाइकिल पर बैठा लिया और किसी सुनसान स्थान पर ले जाने लगा, यह देख शिक्षिका ने विरोध जतायी. तभी उक्त युवक जबरन छेड़खानी करने लगा. शिक्षिका ने आरोप लगाते हुए कही कि वो गलत नियत से मेरे साथ छेड़खानी कर रहा था. शोर मचाकर मैं किसी तरह उक्त युवक के चंगुल से बचकर निकल पाई.
महिला थाने में प्राथमिकी . घटना के दूसरे दिन पीड़िता जब प्रथमिकी दर्ज करने के लिए सिमुलतला थाना पहुंची तो थानाध्यक्ष के द्वारा जमुई भेज दिया गया, जहां प्रथमिकी दर्ज हुई. थानाध्यक्ष वीरभद्र का कहना था कि सिमुलतला थाना में महिला कांस्टेबल नहीं रहने के कारण उसे महिला थाना भेजा गया.
आरोपित की जल्द गिरफ्तारी की मांग
थाना के समक्ष हाथों में तख्तियां लिये भीड़ आरोपी के गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. तख्तियों में लिखा गया था कि आदिवासी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ एवं बलात्कार करना बंद करो, सत्ता के संरक्षित अपराधी को अविलंब गिरफ्तार करो, स्पीडी ट्रायल के माध्यम से दोषी को सजा दो, पुलिस प्रशासन होश में आओ. आक्रोशित लोगों का कहना था कि यहां की पुलिस सिर्फ बालू और दारू के उगाही में ही लगी रहती है.
किसी अन्य घटना पर पुलिस गंभीर तरीके से काम नहीं करती है. छेड़खानी मामले में यदि पुलिस त्वरित कर्रवाई करती तो आरोपी आज सलाखों के पीछे होता. दो घंटे से अधिक समय तक चली इस प्रदर्शन के दौरान बहुत ही मशक्कत के बाद लोग शांत हुए. थानाध्यक्ष द्वारा भीड़ में से पांच लोगों को थाना के भीतर बुलाकर उनलोगों की मांग से सम्बंधित ज्ञापन प्राप्त किया.
आरोपित के घर पर किया प्रदर्शन
सिमुलतला थाना से वापस लौटने के दौरान प्रदर्शनकारियों की भीड़ आरोपी के घर पर पहुंच प्रदर्शन किया, कई प्रदर्शनकारियों ने तो उसके बंद दरवाजे पर प्रहार कर उसके घर में घुसने का प्रयास कर रहे थे. सूचना पाकर अवर निरीक्षक कामेश्वर सिंह एवं सहायक अवर निरीक्षक बीएन मंडल ने लोगों को समझा बुझा कर स्थिति को नियंत्रित किया. स्थिति ऐसी बनती दिख रही थी कि यदि उपस्थित पुलिस कर्मी यदि थोड़ी सी भी चूक करते तो शायद यहां पर कोई बड़ी घटना से इनकार नही किया जा सकता था.
कहते हैं डीएसपी
इस संदर्भ में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी भास्कर रंजन ने कहा कि घटना की प्राथमिकी महिला थाना में दर्ज हुई है मामले की जांच चल रही है बहुत जल्द आरोपी सलाखों के पीछे होगा. उन्होंने बताया कि आमलोगों के द्वारा थाना पुलिस पर लगाये गये आरोप के बाबत जांच की जायेगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी.
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