जमुई : मौसम के बदले मिजाज से लोग परेशान होने लगे हैं. सुबह की किरण निकलते ही लोगों को तेज धूप का सामना करना पड़ता है. जैसे-जैसे दोपहर होता है लोग गर्मी से बचने के लिए आसपास छांव की तलास करने लगते हैं जेठ की गर्मी तो अभी बाकी है. ऐसे में लोगों का जनजीवन प्रभावित होना लाजिमी है. तेज धूप के इस मौसम में लोगों को पेयजल की भी दिक्कतें सामने आने लगी है. साथ-साथ लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही है इस गर्मी से लोगों को बचने की जरूरत है.
इस बदले मौसम में लोगों को अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव करने की आवश्यकता है ताकि आने वाले समय अच्छा से बीत सके. गर्मी में तमाम बीमारियां भी लोगों को प्रभावित कर सकती है. ऐसे मौसम में सबसे जरूरी बात है कि अपने खान-पान से लेकर पहनावे तक में बदलाव कर स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. बाजार में आम व सत्तू की शरबत की मांग बढ़ गयी है. लोग लू से बचाव के लिए शरबत का उपयोग करने लगे हैं.
गर्मी को देखते हुए शहर के चौक-चौराहा के किनारे ठेला पर अनेकों सत्तू व आम की दुकानें सजने लगी है. दुकानदार राजीव कुमार ने बताया कि पिछले कई साल से हम इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और इस मौसम में हमारी अच्छी खासी आमदनी हो जाती है.
गर्मी से बचाव को लेकर एहतियात बरतने की है आवश्यकता
जानकार बताते हैं कि गर्मी में से बचाव को लेकर इस मौसम में नंगे शरीर, नंगे पांव नहीं चलना चाहिए. कूलर एसी के सामने बैठने के बाद तुरंत धूप में नहीं निकलना चाहिए. ज्यादा तेल मसाला का भोजन, बहुत ज्यादा गरम खाना, बार-बार चाय, बासी खाना आदि के सेवन से बचने की आवश्यकता है.
स्वस्थ रहने के लिए जब भी घर से निकले खाना खाकर और पानी पीकर ही निकले. बासी भोजन से परहेज करें सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनने और चेहरा, सिर को सूती कपड़े से ढक कर ही बाहर निकलना चाहिए. गर्मी में प्याज का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए. जेब में प्याज रखने से भी फायदा हो सकता है. बाजारू ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. घर में बनी ठंडी चीजों में जूस, दही, लस्सी आदि का सेवन करना चाहिये. हरी सब्जी में लौकी, ककड़ी, खीरा, पालक, पुदीना, नींबू, तरबूज का सेवन करना चाहिए. पानी का सेवन अधिक करना चाहिए.
भीषण गर्मी से जनजीवन प्रभावित
हमें आजादी सस्ती नहीं मिली, वीर कुंवर िसंह की कुर्बानी दिलाती है याद
कुंवर सिंह के पदचिह्नों पर चलने का क्षत्रिय संघ ने लिया संकल्प
क्षत्रिय संघ की ओर से नगर क्षेत्र के महिसौड़ी स्थित होटल मनोज पैलेस के सभागार में वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव संयोजक मदन मोहन सिंह की अध्यक्षता में समारोह पूर्वक मनाया गया. मदन मोहन सिंह ने झंडोतोलन किया. इसके पश्चात सदस्यों ने पुष्पांजलि कर और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. मौके पर मौजूद वक्ताओं ने कहा कि आज क्षत्रिय संघ की ओर से वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव क्षत्रिय एकता दिवस के रुप में मनाया जा रहा है.
हम लोग उनके पदचिन्हों पर ही चलकर संगठन को आगे बढ़ाएंगे. 80 वर्ष की उम्र में उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था. मौके पर नंदकिशोर सिंह, कपिलदेव सिंह, डा. रवीश कुमार, संजय कुमार, केदार सिंह, चुनचुन सिंह, रंजीत सिंह, भरत सिंह, ठाकुर नवीन सिंह समेत संघ के दर्जनों सदस्य मौजूद थे.
सदर अस्पताल को मिल गया गार्ड अब मरीजों को नहीं होगी परेशानी
हत्या मामले में दो को आजीवन कारावास
घर से बुलाकर की थी जुल्फिकार की हत्या
इधर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय प्रथम अच्युतानंद उपाध्याय की अदालत ने सोमवार को आजमनगर थाना अंतर्गत बांसा गांव निवासी मो अब्बास के पुत्र मो नजीर को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. दस हजार रुपये का अर्थदंड के भी भुगतान का आदेश दिया है. न्यायालय ने नजीर को इसी मामले में भादवि की धारा 201/34 के तहत दोषी पाया. इसके तहत उसको तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा भी भुगतनी होगी. दोनों सजा साथ-साथ चलेगी. सूचक मो रब्बानी उर्फ गुंज्याल ने थाने में दिये फर्द बयान में कहा था कि उसकी पुत्री अजमेरी खातून की शादी जगनाथ सिद्धकी से 28 जून 2004 को हुई थी. शादी के बाद उसी दिन बारात लौट गयी और उसकी पुत्री भी
घर से बुलाकर…
अपने ससुराल चली गयी. 29 जून को उसकी पुत्री अजमेरी खातून अपने पति के साथ मायके आयी और उसी रात आठ बजे अभियुक्त मो नजीर और उसके भाई मो बादशाह दोनों उसके पुत्र जुल्फिकार को सीडी देखने के नाम पर बुला कर ले गये और जब देर रात तक जुल्फिकार नहीं आया तो खोजबीन शुरू की गयी. मो नजीर व उसका भाई बादशाह घर से गायब था. दूसरे दिन बकरी चराने गयी एक बच्ची की सूचना पर जुल्फिकार का क्षत-विक्षत विक्षत शव पड़ोस में ही मिला था. इस मामले में मो बादशाह को पुलिस दिल्ली में गिरफ्तार कर मगध एक्सप्रेस से पटना ला रही थी. इसी दौरान वह ट्रेन से कूद गया और उसकी मौत हो गयी थी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाहों का न्यायालय में परीक्षण कराया गया था.