17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

23 दिसंबर तक ठंड में जारी रहेगी वृद्धि, रहें सतर्क

आकाश में छाये रहेंगे बादल हवा की रफ्तार भी बढ़ेगी जमुई : आगामी 23 दिसंबर तक ठंड के असर में वृद्धि होगी. आकाश में बादल छाये रहने और हवा के रफ्तार में वृद्धि होने के कारण ठंड का असर अचानक तेज हो जायेगा. उक्त जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डाॅ प्रमोद कुमार ने दी. […]

आकाश में छाये रहेंगे बादल
हवा की रफ्तार भी बढ़ेगी
जमुई : आगामी 23 दिसंबर तक ठंड के असर में वृद्धि होगी. आकाश में बादल छाये रहने और हवा के रफ्तार में वृद्धि होने के कारण ठंड का असर अचानक तेज हो जायेगा. उक्त जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डाॅ प्रमोद कुमार ने दी.
उन्होंने बताया कि 19 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 9 डिग्री और अधिकतम तापमान 24 डिग्री , 20 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 9 डिग्री और अधिकतम तापमान 25 डिग्री, 21 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री और अधिकतम तापमान 27 डिग्री, 22 को न्यूनतम तापमान 12 डिग्री और अधिकतम तापमान 26 डिग्री, 23 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री और अधिकतम तापमान 26 डिग्री रहने की संभावना है. इस दौरान आठ से 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की भी संभावना है, जो ठंड के असर को तेज करेगी. ठंड का असर तेज होने के कारण सुबह शाम कोहरा के घनत्व में भी वृद्धि होने की संभावना है और जिस दिन तापमान 10 डिग्री से कम होगा, उस दिन पाला पड़ने की संभावना है.
20 दिन पहले बोयी है गेहूं की फसल, तो करें सिंचाई
गेहूं की फसल की बुआई अगर 20 दिन पहले की हो, तो अविलंब सिंचाई कर दें. यदि फसल में खरपतवार हो तो पहली सिंचाई के तीन चार दिन के बाद खरपतवार नाशी दवा का प्रयोग करें. सिंचाई के उपरांत खेतों में रासायनिक खाद यूरिया दें. इसके साथ ही आलू और सरसों की फसल पर भी विशेष ध्यान दें. पाला रोग से आलू की पत्तियां सूख जाती है.
ठंड बढ़ने के साथ ही चना और मटर जैसी फसल पर भी पाला रोग से प्रभावित होने की बहुत अधिक संभावना है. किसान अपनी फसल को पाला से बचाने के लिए सिंचाई के साथ-साथ खेत के मेड़ पर पड़े कचरे को जला कर धुआं करें. इसके साथ ही आलू की फसल को पाला से बचाने के लिए मैंकोंजेव 0.075 का छिड़काव करें.
ठंड को देखते हुए पशुपालक बरतें एहतियात
वैज्ञानिक डाॅ प्रमोद कुमार बताते हैं कि तेज हवा औरबढ़ती कनकनी को देखते हुए पशुपालक किसान विशेष रूप से एहतियात बरतें. थोड़ी भी लापरवाही बरतने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है.
किसान अहले सुबह पशुओं को किसी भी कीमत पर बाहर नहीं निकालें. शाम होने के पूर्व पशुओं को गोहाल में बांध दें. गोहाल में हवा प्रवेश की रोकने की भी व्यवस्था करें. अपने मवेशी को जूट के बोरे का झूल पहनाकर उसके पीठ और पेट को ढंक दें. इसके अलावे गोहाल में शाम में धुआं करें और मवेशी को गरम पानी पीने के लिए दें. चारा के साथ दो-चार चम्मच नमक भी दें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें