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कार्यालय में बैठना तो दूर खड़ा रहना भी मुश्किल

वर्ष 1999 में जिले में जिला सहकारिता पदाधिकारी का कार्यालय खोला गया, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज तक सहकारिता कार्यालय को अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है जमुई : स्थानीय सहकारिता कार्यालय में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के सभी 10 पद और सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के 27 में से 17 पद खाली रहने के […]

वर्ष 1999 में जिले में जिला सहकारिता पदाधिकारी का कार्यालय खोला गया, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज तक सहकारिता कार्यालय को अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है

जमुई : स्थानीय सहकारिता कार्यालय में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के सभी 10 पद और सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के 27 में से 17 पद खाली रहने के कारण कार्यों के निष्पादन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.
अधिकारियों व कर्मियों की कमी के कारण न तो सही समय पर सरकार की योजनाओं का कार्यान्वयन हो पाता है और न ही सही तरीके से पैक्स, व्यापार मंडल, मत्स्यजीवी सहयोग समिति और स्वावलंबी सहकारी समिति के कार्यों का सही तरीके से निगरानी भी नहीं हो पाता है. कर्मियों की माने तो वर्ष 1999 में जिले में जिला सहकारिता पदाधिकारी का कार्यालय खोला गया, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज तक सहकारिता कार्यालय को अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है और वर्तमान समय में कार्यालय का संचालन दी मुंगेर जमुई सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक जमुई शाखा के कार्यालय भवन के दूसरे भाग में हो रहा है.
सहकारिता कार्यालय के भवन का पूरा हिस्सा जर्जर हो चुका है और दरवाजा तथा खिड़की भी रख रखाव के अभाव में सड़ गया है. हल्की सी बारिश होने पर पूरा सहकारिता कार्यालय की छत और दीवार से पानी रिसने लगता है, जिससे कार्यालय परिसर में बैठना तो दूर खड़ा रहना भी मुश्किल हो जाता है. इस बाबत जिला सहकारिता पदाधिकारी मो शाहनवाज आलम ने बताया कि कर्मियों की कमी को लेकर विभाग के अधिकारियों को कई बार लिखित रूप से सूचना दी गयी है.
क्या है सहकारिता विभाग का काम
वर्तमान समय में सहकारिता विभाग के अधीन पंचायत स्तर पर 153 पैक्स, प्रखंड स्तर पर 10 व्यापार मंडल, 1 मत्स्यजीवी सहयोग समिति और 7 स्वावलंबी सहकारी समिति कार्यरत है. पैक्स के द्वारा सरकार के द्वारा निर्धारित दर पर किसानों से धान और गेहूं की खरीद की जाती है. वहीं मत्स्यजीवी सहयोग समिति के द्वारा मछली पालन के कार्य को बढावा देने के लिए कार्य किया जाता है. वर्तमान समय में विभाग के सभी कार्यों का संचालन सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के माध्यम से हो रहा है. प्रत्येक प्रखंड में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी का एक एक पद और सहकारिता प्रसार पदाधिकारी का दो दो पद सृजित है. लेकिन वर्तमान समय में पदाधिकारियों की किल्लत के कारण विभाग की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है.

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