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Flood in Bihar : शांत हुआ नारायणी का उफान, खतरे के निशान से 45 सेमी नीचे लौटी नदी, पटना से पहुंचे विशेषज्ञ

यास चक्रवात भले ही चला गया, लेकिन अपना गहरा दर्द दे गया है. यास के कारण नेपाल में हुई बारिश के बाद नारायणी नदी उफनाने के बाद धीरे-धीरे शांत होने लगी है. खतरे के निशान से नदी 45 सेमी नीचे चली गयी है. नदी का जल स्तर भी घट कर 37200 क्यूसेक पर पहुंच गया है.

गोपालगंज. यास चक्रवात भले ही चला गया, लेकिन अपना गहरा दर्द दे गया है. यास के कारण नेपाल में हुई बारिश के बाद नारायणी नदी उफनाने के बाद धीरे-धीरे शांत होने लगी है. खतरे के निशान से नदी 45 सेमी नीचे चली गयी है. नदी का जल स्तर भी घट कर 37200 क्यूसेक पर पहुंच गया है.

खतरे के निशान से नदी के नीचे जाने के बाद जल संसाधन विभाग को राहत मिली है. बांधों पर कटाव का खतरा बरकरार है. कालामटिहनियां और बैकुंठपुर के मूंजा में बांध की सुरक्षा के लिए बने स्पर के नदी में समाने की खबर पर जांच के लिए पटना से विशेषज्ञों की टीम ने पहुंचकर पूरे संवेदनशील स्थानों का मुआयना किया.

पटना से सीडीओ के मुख्य अभियंता तिमिर कांत भादुरी,पीपी सेल के मुख्य अभियंता राजदेव लाल, मुख्य अभियंता एफसी एंड डी प्रकाश दास, बाढ़ मॉनीटरिंग पटना के कार्यापालक अभियंता अबरार अरसद, अधीक्षण अभियंता विनय कुमार सिंह की टीम ने अहिरौलीदान से विशुनपुर बांध पर नदी के दबाव और यहां नदी में गिरे स्पर के रि-स्टोर कार्य को देखा.

बांध को बचाने के लिए विभाग से कौन-कौन काम करने की जरूरत है, उसपर चर्चा भी की. गोपालगंज से लेकर बैकुंठपुर के सतरघाट तक नदी के टूटे हुए बांध पर कराये गये वर्क की पूरी जानकारी ली. बैकुंठपुर में सर्वाधिक डेंजर प्वाइंट होने के कारण अभियंताओं से भी घंटों चर्चा कर बांध को मजबूत करने का सुझाव दिया.

विशेषज्ञों की टीम ने बंगरा, मूंजा, फैजुल्लहपुर, मटियारी, पकहां आदि स्थानों पर नयी तकनीक से बचाव कार्यों को कराने का आदेश दिया. उधर, जल संसाधन विभाग के कायर्पालक अभियंता नवल किशोर सिंह ने बताया कि डिस्चार्ज अब घटने लगा है. बांध पूरी तरह से सुरक्षित है.

कालामटिहनियां में युद्ध स्तर पर शुरू हुआ रि-स्टोर कार्य

नदी का सीधा अटैक कुचायकोट प्रखंड के अहिरौली दान-विशुनपुर बांध पर होने के कारण जो स्पर नदी में गिरा था उसे रिकवर करने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू किया गया है.

यहां कार्यपालक अभियंता श्रीनिवास प्रसाद कैंप कर वर्क को पूरा कराने में जुटे थे. जल संसाधन विभाग ने इसे डेंजर जोन में शामिल किया है. विशेषज्ञ और वरीय अधिकारी भी यहां कैंप कर रहे हैं. यहां बांध पर अटैक होने के कारण बांध पर कब कटाव तेज हो जाये, कहना मुश्किल है.

प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया निर्माणाधीन तटबंधों का जायजा

बैकुंठपुर. प्रखंड के प्यारेपुर, मुंजा, मटियारी, पकहां में निर्माणाधीन तटबंधों का प्रशासनिक अधिकारियों ने निरीक्षण लिया. सोमवार को एडीएम सह उपविकास आयुक्त वीरेंद्र प्रसाद, एसडीएम उपेंद्र पाल, भू-अर्जन पदाधिकारी शम्स जावेद, मनरेगा विभाग के डीपीओ साहब यादव, प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद कुमार गुप्ता ने बैकुंठपुर प्रखंड के अंतिम छोड़ प्यारेपुर से मुंजा, मटियारी, पकहां आदि जगहों पर तटबंधों के मरम्मती कार्य का निरीक्षण करते हुए डुमरिया घाट तक तटबंधों के मजबूती के लिए किये जा रहे मरम्मती कार्य की जांच की.

एडीएम ने बताया कि विभिन्न जगहों पर तटबंधों के मरम्मत कार्य की जांच की गयी. इस दौरान बाढ़ नियंत्रण विभाग अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया. तटबंधों के मरम्मत कार्य में जो भी त्रुटियां हैं, उन्हें दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है. कनीय अभियंता अविनाश कुमार ने बताया कि लगातार हुई बारिश से तटबंध थोड़ा सा स्लोप नीचे दबा था. उसका मरम्मती कार्य सैकड़ों मजदूरों के माध्यम से कराया जा रहा है.

Posted by Ashish Jha

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