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छपरा थाने में सास और ससुर, तो महम्मदपुर में भैंसुर ने किया सरेंडर
गोपालगंज : चर्चित सलोनी हत्याकांड में कानून का शिकंजा आरोपितों पर कसने लगा है. सलोनी हत्याकांड में एसपी रविरंजन कुमार की फटकार के बाद हरकत में आयी मीरगंज पुलिस मंगलवार को आरोपितों के मीरगंज स्थित आवास की कुर्की करने पहुंची. पुलिस के पहुंचते ही आरोपित सास-ससुर ने सारण के नगर थाना तथा भैंसुर महम्मदपुर थाने […]
गोपालगंज : चर्चित सलोनी हत्याकांड में कानून का शिकंजा आरोपितों पर कसने लगा है. सलोनी हत्याकांड में एसपी रविरंजन कुमार की फटकार के बाद हरकत में आयी मीरगंज पुलिस मंगलवार को आरोपितों के मीरगंज स्थित आवास की कुर्की करने पहुंची.
पुलिस के पहुंचते ही आरोपित सास-ससुर ने सारण के नगर थाना तथा भैंसुर महम्मदपुर थाने में जाकर पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. आरोपितों के सरेंडर किये जाने की सूचना मिलते ही मीरगंज पुलिस ने राहत की सांस ली. उधर, संपत्ति कुर्क करने पहुंची पुलिस को लौटना पड़ा. अब पुलिस तीनों आरोपितों को हिरासत में लेकर सलोनी हत्याकांड में पूछताछ करेगी.
गत 16 फरवरी को जादोपुर थाना क्षेत्र के हरिहरपुर गांव के निवासी तथा शहर के गल्ला कारोबारी नंदकुमार गुप्ता की बेटी सलोनी की शादी मीरगंज के प्रमुख कपड़ा कारोबारी राजू प्रसाद के बेटे विकास के साथ हुई थी. 23 मार्च को सलोनी का शव उसके घर से बरामद किया गया. उसकी हत्या कर शव को टांग दिया गया था.
सलोनी के मायके से जब लोग पहुंचे तो परिजन धीरे-धीरे फरार हो गये. पिता नंदकुमार गुप्ता के बयान पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. इस मामले में विकास कुमार ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. पुलिस गिरफ्तार करने में असफल रही. इस बीच 11 मई को कोर्ट ने कुर्की जब्ती का वारंट जारी किया.
कुर्की वारंट लेकर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं की. सोमवार को नंदकुमार अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांगने एसपी के पास पहुंचे. एसपी के फटकार के बाद पुलिस सक्रिय हुई. इस बीच ससुर राजू प्रसाद तथा उसकी पत्नी निर्मला देवी ने छपरा टाउन थाने में सरेंडर कर दिया, जबकि भैंसुर विक्की गुप्ता ने महम्मदपुर थाने में सरेंडर किया.
अब भी अनसुलझे हैं सवाल
दहेज हत्या के आरोप में मीरगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई. पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझाने की जगह शुरू से ही आत्महत्या मान कर कांड की जांच शुरू की. कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं. मायके वालों के पास सलोनी के शव की तसवीर है, जिसमें कई जगह गहरे जख्म दिख रहे हैं. विकास के सरेंडर करने के बाद पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ क्यों नहीं की.
मोबाइल खोल सकता है राज
पुलिस सलोनी के मोबाइल का कॉल डिटेल खंगालने की जरूरत नहीं समझी. मोबाइल हत्या का राज खोल सकता है. मोबाइल पुलिस के पास है. अनुसंधानकर्ता पर सलोनी के मायके वाले पहले से ही आरोप लगा कर इंसाफ की मांग कर चुके हैं. ऐसे में पुलिस की चूक इस कांड में भारी पड़ सकती है. मीरगंज के थानाध्यक्ष बीपी आलोक की मानें, तो पुलिस हर तथ्य पर गंभीरता से जांच कर रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर बेसरा जांच तक पर पुलिस की नजर है.
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