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62.5 करोड़ से बांध निर्माण कार्य शुरू

राहत. जल समाधि सत्याग्रह के बाद रविवार को हुआ भूमिपूजन दियारावासियों का सपना रविवार को साकार होते दिखा. विधायक ने कुदाल से मिट्टी काट कर गाइड बांध निर्माण का शुभारंभ किया. इसके पूर्व वैदिक मंत्रोच्चार से भूमिपूजन किया गया. कालामटिहनिया : गंडक नदी की त्रासदी से राहत दिलाने के लिए यूपी के अहिरौली दान से […]

राहत. जल समाधि सत्याग्रह के बाद रविवार को हुआ भूमिपूजन

दियारावासियों का सपना रविवार को साकार होते दिखा. विधायक ने कुदाल से मिट्टी काट कर गाइड बांध निर्माण का शुभारंभ किया. इसके पूर्व वैदिक मंत्रोच्चार से भूमिपूजन किया गया.
कालामटिहनिया : गंडक नदी की त्रासदी से राहत दिलाने के लिए यूपी के अहिरौली दान से विशुनपुर तटबंध तक नया गाइड बांध बनाने के लिए रविवार को विधिवत वैदिक मंत्रों के साथ कालामटिहनिया में भूमिपूजन संपन्न हुआ. इसके साथ ही गाइड बांध का निर्माण शुरू हो गया. बाढ़ नियंत्रण विभाग के इंजीनियर ने संवेदकों के साथ बांध निर्माण में ताकत लगा दी है.
विधायक अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय ने कुदाल चला कर बांध निर्माण कार्य का शुभारंभ किया. इससे पूर्व आचार्यों ने वैदिक मंत्रों के साथ नारायणी नदी का पूजन किया. उन्हें शांत रहने के लिए आग्रह किया गया. उसके बाद संवेदक पिंटु सिंह ने विधिवत पूजा-अर्चना कर कार्य शुरू करा दिया. इस मौके पर संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि यहां दियारे के एक-एक लोग के संघर्ष के बदौलत गाइड बांध का निर्माण शुरू हुआ है. इसमें संघर्ष समिति के सभी सदस्यों की भूमिका प्रमुख है.
भूमिपूजन समारोह के दौरान प्रमुख आंदोलनकारी शिवजी सिंह कुशवाहा, असगर अली, सत्येंद्र बैठा, मो तौहीद, प्रिंस सिंह, पूर्व प्रखंड प्रमुख अनुग्रह नारायण दुबे, आनंद मिश्र, सुराजी यादव, देवेंद्र पांडेय, शिशु शुक्ला, रामाशीष यादव, दुर्गा पांडेय, अशोक गुप्ता, मुकेश यादव, अमीर पटेल और मुमताज आलम की भूमिका प्रमुख रही. मुख्य अभियंता कुमार जयंत प्रसाद, नवलकिशोर सिंह, विकास कुमार की पूरी टीम बांध निर्माण में जुट गयी है.
अहिरौली बांध में भी हुआ भूमिपूजन : दियारा संघर्ष समिति दो गुटों में बंटी गयी है. कालामटिहनिया में भूमिपूजन के साथ ही जहां बांध निर्माण कार्य शुरू हो गया, वहीं दूसरी तरफ दियारा संघर्ष समिति के सदस्यों ने यूपी के अहिरौली बांध पर भूमिपूजन कराया. बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता कुमार जयंत प्रसाद की मौजूदगी में अभियंताओं की टीम मौजूद थी. यहां संयोजक अनिल मांझी, राजेश देहाती, नंदकिशोर नंदु, अरुण सिंह, कृष्णा यादव, विजय मांझी, उमेश यादव, मुसाफिर सिंह, भीम यादव, सचिन स्नेही, राजबलम कुशवाहा, दिनेश शर्मा, ज्योति सिंह, संदीप यादव आदि मौजूद थे.
गाइड बांध से 60 गांव होंगे सुरक्षित : गंडक नदी पर यूपी के अहिरौली दान से सदर प्रखंड के विशुनपुर बांध तक 8.2 किमी लंबा गाइड बांध का निर्माण शुरू हो गया. 15 मई, 2018 तक बांध निर्माण कार्य को पूरा करना है. बांध निर्माण कार्य 62.5 करोड़ की राशि से कराया जा रहा है. इस बांध के निर्माण से कुचायकोट, गोपालगंज तथा उचकागांव प्रखंडों के लगभग 60 गांव हर साल गंडक नदी की बाढ़ से सुरक्षित होंगे.
15 मई, 2018 तक बांध निर्माण कार्य को पूरा करना है
गांव का मिट चुका है अस्तित्व
गंडक नदी ने कालामटिहनिया पंचायत में वर्ष 2013 में कटाव शुरू किया. इस कटाव में पंचायत के तीन गांव नदी में समा गये. नदी की धारा ने कालामटिहनिया पर सीधा अटैक किया. 2014 में छह गांव समाप्त हो गये, तो 2016-17 में फरवरी तक नदी ने कटाव किया और विशंभरपुर, हजामटोली, यादव टोली, विशंभरपुर के ऐतिहासिक मंदिर, दुर्गा मंदिर, आंगनबाड़ी केंद्र समेत एक दर्जन से अधिक गांवों का अस्तित्व मिटा दिया. तीन हजार से अधिक परिवार बेघर होकर आज भी जहां-तहां शरण लिये हुए हैं. इस बांध से बचे हुए गांवों के ग्रामीणों को राहत मिलेगी.
एक नजर में दियारे के लोगों का आंदोलन
23 अगस्त, 2013 को गंडक दियारा संघर्ष समिति की स्थापना
26 अगस्त, 2013 को बांध के लिए शहर में प्रदर्शन
तीन जनवरी, 2014 को शहर में बांध के लिए प्रदर्शन
27 जनवरी, 2014 को सिपाया में आमरण अनशन
31 जनवरी, 2014 को तत्कालीन डीएम स्व कृष्ण मोहन और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ बांध के लिए आश्वासन, अनशन समाप्त
23 जून, 2014 को बांध की डीपीआर में विलंब होने के कारण प्रदर्शन
एक सितंबर, 2014 को रमना फील्ड में महापंचायत
20 अक्तूबर, 2014 को तत्कालीन सीएम जीतन राम मांझी से शिष्टमंडल मिला
10 जनवरी, 2015 को शहर में संघर्ष समिति ने प्रदर्शन किया
27 जनवरी, 2015 को सिपाया ढाला और शहर में अलग-अलग अनशन की शुरुआत
31 जनवरी, 2015 को आत्मदाह की चेतावनी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती और रामविलास पासवान के आश्वासन पर आंदोलन खत्म
10 अप्रैल, 2015 को जल संसाधन विभाग की केंद्रीय मंत्री उमा भारती से शिष्टमंडल मिला
13 अप्रैल, 2015 को जीएफसीसी की टीम ने मामले की जांच की
17 फरवरी से 10 मार्च तक कलामटिहनिया में जल समाधि सत्याग्रह आंदोलन चला

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