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तीन दिन बाद खुलीं दुकानें

आमलोगों के लिए यह राहत भरी खबर है. पिछले तीन दिनों से चल रहे पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन को कारोबारियों ने शुक्रवार को स्थगित कर दिया. प्रशासन की पहल के बाद दुकानें खुलीं और थोड़ी ही देर में शहर में चहल-पहल बढ़ गयी. गोपालगंज : व्यवसायियों पर पुलिस की कार्रवाई को दमन और उत्पीड़न […]

आमलोगों के लिए यह राहत भरी खबर है. पिछले तीन दिनों से चल रहे पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन को कारोबारियों ने शुक्रवार को स्थगित कर दिया. प्रशासन की पहल के बाद दुकानें खुलीं और थोड़ी ही देर में शहर में चहल-पहल बढ़ गयी.
गोपालगंज : व्यवसायियों पर पुलिस की कार्रवाई को दमन और उत्पीड़न बता कर शहर के कारोबारियों ने पिछले तीन दिनों से दुकानों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया था. स्वेच्छा से शहर बंद होने के कारण शहर में लगभग 8.65 करोड़ रुपये की कारोबार बाधित हुआ. उधर, शहर की दुकानों के बंद रहने से प्रशासन भी सकते में था. पुलिस की तरफ से पहले दिन से ही कोशिश की जा रही थी कि दुकानें खुल जायें, लेकिन कारोबारी निर्दोष लोगों के खिलाफ तबाड़-तोड़ हो रही पुलिसिया कार्रवाई बंद होने और निर्दोष लोगों पर दर्ज की गयी प्राथमिकी को वापस लेने की मांग पर अड़े थे.
कारोबारियों की एकजुटता से शहर में बंदी का पहली बार असर दिखा. हालांकि बंद के कारण शहर के लोगों को भी कम परेशानी नहीं थी. मकर संक्रांति जैसे त्योहार जैसे मौके पर शहर बंद होने के कारण लोगों का काम-काज बाधित होने लगा था. इस बीच डीएम राहुल कुमार और पुलिस कप्तान रविरंजन कुमार ने पहल की. व्यवसायियों का प्रतिनिधि मंडल शुक्रवार को डीएम-एसपी से मिल कर मांगपत्र सौंपा, जिस पर प्रशासन की तरफ से निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का भरोसा दिलाया गया कि जो भी निर्दोष होंगे, उनको जांच कर बरी किया जायेगा. चार्जशीट दाखिल होने तक पुलिस गिरफ्तारी पर भी प्रशासन ने रोक लगाने का आश्वासन दिया. इस आश्वासन के बाद कारोबारियों ने अपनी -अपनी दुकानों को दोपहर दो बजे से खोल दिया. उधर, प्रशासन के आश्वासन को व्यवसायी एकता मंच के सदस्य प्रत्यूष प्रवीण, शैलेश कुमार, विजय कुमार गुप्ता, शंभु प्रसाद, सागर, विशाल कुमार, नन्हु प्रसाद, कृष्णा प्रसाद ,केदार प्रसाद धन्यवाद दिया. उधर, दुकानें खुलने के साथ ही शहर की स्थिति सामान्य होने लगी. देर रात तक मकर संक्रांति की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ देखी गयी.
सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने की अपील : डीएम को सौंपे गये मांग पत्र में शहर में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने की अपील की गयी है. भारतीय रेडक्रास सोसाइटी के सचिव ज्योति प्रकाश वर्णवाल, व्यवसायी एकता मंच के अरुण कुमार गुप्ता, वार्ड पार्षद जयहिंद प्रसाद, राजन कुमार गुप्ता, रविरंजन प्रसाद ने डीएम राहुल कुमार से मिल कर तीन सूत्री मांग सौंपा, जिसमें दशहरर और मुहर्रम से संबंधित सभी प्राथमिकी की जांच कर सभी निर्दोष लोगों को बरी किया जाये. सभी कांडों की उच्चस्तरीय जांच कर चार्जशीट दाखिल की जाये एवं समाज के सभी वर्गों के बुद्धिजीवियों के साथ एक साथ बैठक कर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाया जाये.
क्या था पूरा मामला
शहर में दुर्गापूजा की मूर्ति विसर्जन के दौरान गत 14 अक्तूबर को तुरकाहां गंडक नहर पर दो पक्षों के बीच हुई रोड़ेबाजी के बाद दोनों तरफ से हिंसक झड़प हुई.
इसमें आधा दर्जन वाहन भी जला दिये गये. सदर इंस्पेक्टर निगम कुमार वर्मा समेत कई लोग घायल हो गये. घटना के बाद स्थिति तनाव पूर्ण हो गयी. पुलिस ने दोनों पक्षों से दो सौ से अधिक लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें दुर्गापूजा समिति के अधिकतर सदस्यों को अभियुक्त बनाया गया. इसमें व्यवसायी राजीव कुमार उर्फ पल्टू, दीपक कुमार दीपू, इंटक के नेता ताहिर हुसैन, सामाजिक कार्यकर्ता पंकज सिंह राणा, भाजपा नेता मनीष किशोर नारायण, जिला पर्षद सदस्य सुबाष सिंह जैसे लोगों को अभियुक्त बनाया गया. पुलिस इनकी गिरफ्तारी करने लगी थी. इसके बाद थाने के आगे वाहन में आग लगाने के मामले में भी कई व्यवसायियों का नाम शामिल किया जाने लगा. बजरंंग दल के संयोजक पंकज सिंह के बयान पर कई लोगों को फंसाने की साजिश की गयी, तो सुबाष सिंह की गिरफ्तारी के बाद दर्ज प्राथमिकी में भी कई निर्दोष लोगों के नाम शामिल थे. इससे कारोबारी आंदोलन पर थे.

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