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जारी हो चुका था चीनी मिल चालान

गोपालगंज : घोघारी नदी में चीनी मिल के जहरीले और प्रदूषित पानी छोड़े जाने पर पर्यावरण पर्षद ने चीनी मिल के परिचालन पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं चीनी मिल के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. चीनी मिल की पेराई सत्र को लेकर गन्ना किसानों के […]

गोपालगंज : घोघारी नदी में चीनी मिल के जहरीले और प्रदूषित पानी छोड़े जाने पर पर्यावरण पर्षद ने चीनी मिल के परिचालन पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं चीनी मिल के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. चीनी मिल की पेराई सत्र को लेकर गन्ना किसानों के बीच चालान भी जारी किया जा चुका था.
इस बीच रोक लगाये जाने से चीनी मिल के रिजर्व क्षेत्र के 1142 गांव के लगभग 32 हजार किसान परिवार तथा अनारक्षित क्षेत्र पूर्वी चंपारण के लगभग 20 हजार किसानों का गन्ना खेत में ही रह जायेगा. इनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है. इससे किसानों की नींद हराम हो गयी है. हकाम के गन्ना किसान राजीव कुमार सिंह ने बताया कि गन्ना चीनी मिल को बेच कर रबी की बोआई करनी थी. पेराई शुरू नहीं होने से रबी की खेती पर आफत आ गयी है. वहीं रेवतिथ की कौशल्या देवी ने बताया कि गन्ना के मूल्य पर ही बेटी की शादी तय की है. अगर चीनी मिल नहीं चली, तो बेटी की शादी कैसे होगी. यह सिर्फ दो लोगों का ही नहीं बल्कि यहां के हर किसानों का अलग-अलग दर्द है.
चीनी मिल मजदूर यूनियन ने सीएम को भेजा त्राहिमाम पत्र
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई के बाद चीनी मिल के परिचालन पर रोक लगाये जाने सें चीनी मिल के मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेंगे. चीनी मिल के द्वारा गन्ना परची का वितरण हो चुका है. मौसमी एवं अन्य मजूदर, कामगार मजदूर योगदान भी कर चुके हैं. ऐसे में प्रदूषण बोर्ड की कार्रवाई से मजदूरों के सामने रोटी की संकट उत्पन्न हो जायेगा. संघ के उपाध्यक्ष रमेश सिंह तथा महासचिव सत्य नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री को त्राहिमाम संदेश भेजकर तत्काल पहल कर पेराई सत्र को चालू कराने की अपील की है.

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