लापरवाही हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टरों की है प्रतिनियुक्ति
हथुआ : 22 पंचायतों वाले हथुआ प्रखंड का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्यकर्मियों की समस्याओं से जूझ रहा है. हालांकि पीएचसी में ओपीडी नहीं चलता है, बल्कि अनुमंडलीय अस्पताल, हथुआ में मरीजों के इलाज के लिए ओपीडी चलाया जाता है. इस पीएचसी में सिर्फ राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम का संचालन होता है.
लेकिन, विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों को आम जनता तक पहुंचाने व विकलांगता आदि की जांच व सर्टिफिकेट जारी करने में इस पीएचसी की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. ऐसे में स्टाफ की कमी के चलते स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में समस्या उत्पन्न हो रही है, साथ ही अपेक्षित सफलता मिलने में भी बाधा आ रही है. वर्तमान में पीएचसी द्वारा कुष्ठ रोग खोजी अभियान, कालाजार का छिड़काव व परिवार कल्याण पखवारा अभियान चलाये जा रहे हैं.
पीएचसी में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों के पदों पर गौर करें, तो मेडिकल ऑफिसर के चार पदों की जगह मात्र एक डाॅक्टर कार्यरत हैं. वर्तमान में मात्र 22 एएनएम पदस्थापित हैं, जबकि आवश्यकता 34 की है. बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पांच पदों की जगह मात्र दो कार्यरत हैं. इसके अलावा फैमिली प्लानिंग वर्कर की दो सीटें खाली हैं.
लैब टेक्निशियन का भी एक पद रिक्त है. ड्रेसर का पद भी खाली है. एलएचभी के दो पद भी रिक्त हैं. इसके चलते स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में बाधा आती है. पीएचसी के मेडिकल ऑफिसर डाॅ बीएन चौधरी व डाॅ अविनाश का डेपुरेशन अनुमंडलीय अस्पताल, हथुआ में कर दिया गया है.
पुरुष बंध्याकरण में टॉप रहा पीएचसी
पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बीएन चौधरी कहते हैं कि 22 पंचायतों वाले हथुआ प्रखंड की बड़ी आबादी तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है. स्टाफ की कमी को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति से पत्राचार किया गया है. स्टाफ की कमी के बावजूद हथुआ पीएचसी ने पिछले महीने परिवार कल्याण पखवारे के तहत 46 नसबंदी व 104 बंध्याकरण के साथ पूरे सूबे में टॉप किया था.