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अपनों के कंधों पर कराह रहे मरीज

सूरत-ए-हाल . प्रदेश के आइएसओ प्रमाणित मॉडल सदर अस्पताल का गोपालगंज : वैसे तो मरीज अस्पतालों में इसलिए जाता है कि उसकी सारी परेशानियों का इलाज हो जायेगा, लेकिन यहां इलाज शुरू होने से पहले ही मरीजों को कराहना पड़ता है. प्रदेश का आइएसओ प्रमाणित दूसरा मॉडल सदर अस्पताल में कुछ ऐसा ही देखने को […]

सूरत-ए-हाल . प्रदेश के आइएसओ प्रमाणित मॉडल सदर अस्पताल का

गोपालगंज : वैसे तो मरीज अस्पतालों में इसलिए जाता है कि उसकी सारी परेशानियों का इलाज हो जायेगा, लेकिन यहां इलाज शुरू होने से पहले ही मरीजों को कराहना पड़ता है. प्रदेश का आइएसओ प्रमाणित दूसरा मॉडल सदर अस्पताल में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. परिजन अपने मरीज को एंबुलेंस से लेकर आये या रिक्शा से, स्ट्रैचर अस्पताल में नहीं मिलता. सुविधाएं होने के बावजूद मरीज को कंधों पर ही लाना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि अस्पताल में स्ट्रैचर और व्हील चेयर की सुविधा नहीं है. भोरे थाने के हरिहरपुर गांव की गोनिया देवी को एंबुलेंस से इमरजेंसी वार्ड में लाया गया.
एंबुलेंस से उतरने के बाद स्ट्रैचर नहीं मिला तो परिजन टांग कर वार्ड में ले गये. एक्सरे कराने के लिए भी इसी तरह से लेकर जाना पड़ा. वहीं साखे खास गांव के बुजुर्ग उमर खताब को बीमार होने पर इमरजेंसी वार्ड में रिक्शा से लाया गया. परिजनों ने स्ट्रैचर की मांग अस्पताल कर्मियों से की, लेकिन कर्मियों ने स्ट्रैचर नहीं होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया. दो माह पूर्व ही बैंकों द्वारा व्हील चेयर और स्ट्रैचर दिया गया था. मरीज के परिजनों की मानें तो स्ट्रैचर मांगने पर उन्हें नहीं मिलता. स्टोर रूम में व्हील चेयर और स्ट्रैचर जैसे जरूरत की सामान को लॉक कर रखा गया है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने मरीजों पर ही स्ट्रैचर व व्हील चेयर नहीं मांगने की बात कही है.
प्रसव के लिए आयी मरीजों को अधिक परेशानी : प्रसव के लिए आयी महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्ट्रैचर नहीं मिलने पर महिला को पुरुषों द्वारा टांग कर ले जाना पड़ता है. सिस्टम और व्यवस्था में कमी के कारण अस्पताल में आये दिन ऐसा दृश्य देखने को मिलता है.
शव वाहन महीनों से खराब : सदर अस्पताल में शव वाहन महीनों से खराब पड़ा है. मरीज की मौत होने पर शव को निजी एंबुलेंस या रिक्शा-ठेला से पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है. मामूली फॉल्ट के कारण शव वाहन को खराब हालत में छोड़ दिया गया है.
इमरजेंसी से लेकर प्रसव के लिए मरीजों को नहीं मिलता स्ट्रैचर
स्ट्रैचर के अभाव में इस तरह ले जाये जाते हैं मरीज.
क्या कहते हैं अधिकारी
अस्पताल में स्ट्रैचर व व्हील की सुविधाएं हैं. इमरजेंसी वार्ड से लेकर लेबर वार्ड में रखा गया है. मरीज के परिजन मांगते ही नहीं हैं.
पीसी प्रभात, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, गोपालगंज

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