पंचदेवरी : झरही नदी के आसपास के इलाके शराब तस्करों के लिए सेफ जोन बने हुए हैं. इस सुनसान इलाके से आसानी से शराब की खेप मंगा ली जा रही ही और पुलिस को भनक तक नहीं लग पा रही है. यूपी की ओर से आ रही झरही नदी के आसपास का क्षेत्र दो दशक पूर्व अपराधियों का गढ़ माना जाता था. शराब का कारोबार इस क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय हुआ करता था. यहां के शराब कारोबारियों का नेटवर्क उस समय से ही कई राज्यों तक फैला हुआ है.
इधर, शराबबंदी के बाद ये कारोबारी अपने मजबूत नेटवर्क का भरपूर फायदा उठा रहे हैं. कई दशकों से इस कारोबार से जुड़े माफियाओं पर लगाम कसना आज पुलिस के एक चुनौती बनी हुई है. ठिकाने बदल बदल कर इस क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार चलाये जा रहे हैं. अभी कुछ ही दिनों पहले सिधरिया पासी टोला में पुलिस ने दो दर्जन कच्चे शराब की भठ्ठियों को धवस्त किया था. हालांकि पुलिस को वहां कोई विशेष सफलता हाथ नहीं लगी थी.
फिर भी वहां इतनी संख्या में भठ्ठियों का मिलना, यह साबित कर रहा है कि वहां बहुत पहले से ही शराब का कारोबार चलाया जा रहा था. इस तरह के कई ठिकाने अभी भी झरही नदी के आसपास है, जहां अवैध शराब का कारोबार चलाया जा रहा है. झरही नदी का सुख जाना शराब माफियाओं के लिए वरदान साबित हो गया है.
यूपी से शराब की खेप मंगा कर आसानी से नदी पार करा दी जा रही है. शराब माफियाओं के लिए यह नदी इसलिये भी वरदान है कि यह नदी जिले के लगभग आधा दर्जन थानों के सीमाओं से हो बहती है. इसलिये शराब माफिया इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं. इस संबंध में कटेया के थानाध्यक्ष प्रदीप राम का कहना है कि इसके लिए पुलिस विशेष टीम गठित कर हर संभावित क्षेत्र में जांच केंद्र बना दिया गया है. किसी भी हाल में अवैध शराब का कारोबार चलने नहीं दिया जायेगा.