मकान सील करने के बाद कार्रवाई में जुटी पुलिस
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अब शराब माफियाओं की संपत्ति जब्त होगी
मकान सील करने के बाद कार्रवाई में जुटी पुलिस मकान को सील करती उत्पाद पुलिस . गोपालगंज : राब माफियाओं की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई प्रशासन ने तेज कर दी है. कार्रवाई के पहले चरण में मकानों को सील किया गया है. पुलिस की टीम खजूरबानी में कैंप कर रही है. यहां सीओ के […]
मकान को सील करती उत्पाद पुलिस .
गोपालगंज : राब माफियाओं की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई प्रशासन ने तेज कर दी है. कार्रवाई के पहले चरण में मकानों को सील किया गया है. पुलिस की टीम खजूरबानी में कैंप कर रही है. यहां सीओ के द्वारा जमीन का सर्वे किया जा चुका है. शराब कारोबारियों की संपत्ति का विवरण इकट्ठा कर लिया गया है. संपत्ति का ब्योरा इकट्ठा करने के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई चल रही है. प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि 1917 के सर्वे के दौरान खजूरबानी का नाम खजुरिया था. यह थाना नंबर 170 में 26 एकड़ रकबा में बसा हुआ है. महज 11 परिवार तब रहता था.
सर्वे के दौरान एक पवरिया, सात मुसलिम, एक पासी और एक लोहार का ही घर था. आज खजुरिया मोहल्ला खजूरबानी बन गया है. 15-20 परिवार पासी हैं, जो ताड़ी की आड़ शराब का कारोबार करते थे. दो बीघा 19 कट्ठा जमीन पासी लोगों की रैयती है, जबकि 16 कट्ठा जमीन भूदान की है.
पासी लोगों ने छाड़ी नदी के किनारे से लेकर भूदान की जमीन पर भी खजूर और ताड़ के पेड़ लगा दिये हैं. ताड़ी का कारोबार सिर्फ सीजन में दिखावे के लिए किया जाता था. इसकी आड़ में शराब बना कर बेचने का गोरखधंधा चल रहा था. यहां के लोहार और अन्य जाति के लोग इनके भय से हर वक्त भयभीत रहते थे. आज भी लोहार परिवार के लोग जुबान नहीं खोल रहे हैं.
घर-घर थी दुकान : खजूरबानी में शराब और ताड़ी की बिक्री करनेवाले धंधेबाजों के घर-घर दुकान चलती थी. महिलाएं शराब बेचती थीं, तो बच्चे बाहर चखना बेचते थे. नगीना चौधरी के दरवाजे पर भूजा और बिस्कुट की दुकान चलती थी.
छापेमारी के बाद परिजनों ने दुकान से सामान निकाल कर सगे-संबंधी के घर भेज दिया है.
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