बैकुंठपुर : विधायक मिथिलेश तिवारी ने कहा कि प्रलयंकारी बाढ़ की चपेट में गोपालगंज जिले के छह अंचल हैं. प्रशासन के द्वारा राहत सामग्री मुहैया नहीं करायी जा रही है. प्रशासन के अधिकारी सरकार के सात निश्चय की ढोल पीट रहे हैं, जबकि बाढ़पीड़ित तटबंधों पर भूखे कराह रहे हैं. बाढ़पीड़ितों की समस्याओं को लेकर सोमवार को विधानसभा में हंगामा होगा. यह सरकार जनविरोधी सरकार है. जब तक गोपालगंज को आपदा प्रभावित जिला घोषित नहीं होता, तबतक सरकार के विरुद्ध हंगामा होता रहेगा.
बाढ़ पूर्व प्रशासन ने नहीं की तैयारी : पूर्व पर्यटन मंत्री व बरौली पूर्व विधायक रामप्रवेश राय ने कहा कि प्रशासन के द्वारा बाढ़ के पूर्व तैयारियां नहीं की गयी थीं. इसका नतीजा है कि आज गोपालगंज जिला
प्रलयंकारी बाढ़ की चपेट में है. न तो सारण तटबंध की मरम्मती हुई और न ही गाइड बांध की. आज स्थिति यह है कि लोगों को घरों से निकलने के लिए एक अदद नाव भी नहीं है. प्रशासन अपनी रिपोर्ट में सिर्फ उपलब्धियां गिना रहा है. धरातल पर कुछ भी नहीं है. तटबंध की सभी कमजोर प्वाइंटों से रिसाव हो रहा है.
बाढ़पीड़ितों को नहीं मिल रहा भोजन-पानी : बाढ़पीड़ितों को भोजन और पानी भी नहीं मिल रहा है. इतना ही नहीं प्रशासन के द्वारा उन्हें नाव भी मुहैया नहीं करायी जा रही है. नाव के आभाव में बाढ़पीड़ित घर में ही कैद हैं. उन्हें पीने के लिए शुद्ध जल भी नहीं मिल रहा है. उक्त बातें सदर विधायक सुबाष सिंह ने कहीं. उन्होंने कहा कि बाढ़पीड़ितों पर सरकार और प्रशासन का ध्यान नहीं है. बरईपट्टी, रामपुर टेंगराही, खाप मकसूदपुर, कठघरवा, जागिरी टोला आदि पंचायतों में बाढ़पीड़ित की शुद्ध लेने तक प्रशासन के अधिकारी नहीं जा रहे हैं. इस मौके पर जिलाध्यक्ष ब्रम्हानंद राय, प्रवक्ता मनीष किशोर नारायण, प्रकाश लाल, शक्ति नारायण सिंह, दीपक कुमार दीपू, लखन तिवारी आदि मौजूद थे.