डीसीओ ने नोटिस देकर आज तक का दिया अंतिम मौका
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डीसीओ ने नोटिस देकर आज तक का दिया अंतिम मौका चावल नहीं उपलब्ध कराने पर दर्ज होगी घोटाले की प्राथमिकी जंजीर नहीं, हैंडिल घुमाओ और ‘ट्रेन स्टॉप’ अब चलती ट्रेन रोकने के लिए जंजीर की जगह पर होगी यह व्यवस्था गोपालगंज : अब ट्रेन रोकने के लिए जंजीर खींचने की जरूरत नहीं है. हैंडिल घुमाते […]
चावल नहीं उपलब्ध कराने पर दर्ज होगी घोटाले की प्राथमिकी
जंजीर नहीं, हैंडिल घुमाओ और ‘ट्रेन स्टॉप’
अब चलती ट्रेन रोकने के लिए जंजीर की जगह पर होगी यह व्यवस्था
गोपालगंज : अब ट्रेन रोकने के लिए जंजीर खींचने की जरूरत नहीं है. हैंडिल घुमाते ही ट्रेन रुक जायेगी और आपका फोटो सीसीटीवी में कैद हाे जायेगा़ रेल कर्मचारी को जानकारी मिल जायेगी कि ट्रेन कहां से रुकवाई गयी है. लिंक हॉफ मैन बुश (एलएचबी) कोच में रेलवे ने यह व्यवस्था शुरू कर दी है. भारतीय रेल की शुरुआत से ही आपात स्थिति में ट्रेन रोकने के लिए बोगी में जंजीर की व्यवस्थ की गयी थी. तब से लेकर आज तक रेलवे ने ट्रेनों के कोच में काफी बदलाव किये, लेकिन 150 साल पुरानी जंजीर खींचने की व्यवस्था वहीं-की-वहीं रही.
कई बार ऐसी भी नौबत आयी है, जंजीर खींचने के बावजूद ट्रेन नहीं रुकी. अगर जंजीर खींचने पर ट्रेन रुक भी गयी, तो टीटीइ व गार्ड को यह पता नहीं चल पाता कि किस कोच से चेन खींची गयी.
यूं रुकेगी ट्रेन : ट्रेन रोकने के लिए हैंडिल घुमाते ही कैमरा यात्री का फोटो ले लेगा और ट्रेन रुक जायेगी. गार्ड व टीटीइ को किस कोच व किस सीट के पास से हैंडिल घुमाया गया है, जानकारी मिल जायेगी. रेलवे कर्मचारी आसपास बैठे यात्री से हैंडिल घुमानेवाले यात्री का पता भी आसान से कर सकते हैं या कैमरे से लिये गये फोटो देख कर यात्री की पहचान कर सकते हैं. ट्रेन रुकवाने का सही कारण भी बताना होगा अन्यथा जुर्माना भरना पड़ेगा या फिर जेल जाना पड़ सकता है.
ऐसी हाेगी व्यवस्था : रेलवे 150 साल पुरानी व्यवस्था बदल रही है. भोपाल की कोच फैक्टरी में लिंक हॉफ मैन बुश (एलएचबी) आधुनिक कोच बनाया गया है. तकनीकी टीम ने जंजीर के स्थान पर ट्रेन रोकने के लिए आधुनिक हैंडिल लगाया है. जंजीर वाले स्थान पर सामान रखने की व्यवस्था की गयी है. उसकी बगल में गोल हैंडिल है. हैंडिल की बगल में सीसीटीवी लगाया गया. उसके ठीक नीचे लिखा है कि ट्रेन रोकने के लिए हैंडिल घुमाएं.
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