गोपालगंज : उसने इश्क में अपने घर की तिलांजलि दी. मां-बाप की इज्जत की परवाह नहीं की. जिसने जन्म दिया, पाला-पोसा और पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाया, उसके अरमानों को भी कुचल दिया. आशिक के साथ घर छोड़ कर भाग निकली. पुलिस ने दबोचा, तो दोनों ने साथ जीने-मरने की कसम खायी. मां-बाप को इनके इश्क के आगे झुकना पड़ा. महज चार माह बाद आशिक बेवफा निकला और आज युवती जिंगदी के चौराहे पर अकेली खड़ी है.
यह घटना उनके लिए नजीर है जो इश्क में अपनों को छोड़ रहे हैं. यह घटना शहर के हजियापुर की है. आज शालू (नाम बदला हुआ) की आंखों में सिर्फ आंसू है. अब न्याय के लिए कोर्ट-कचरही का चक्कर लगा रही है. जब वह एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में +2 की छात्रा थी, तभी सिधवलिया थाना क्षेत्र के कुतलीपुर गांव के गुड्डु गुप्ता के साथ इश्क हो गया. दोनों आपस में रेस्टोरेंट और होटलों में मिल कर अपने इश्क का इजहार करने लगे.
नौ जून, 2015 को शालू घर से स्कूल के लिए निकली. घर लौट कर नहीं आयी. परिजनों ने जब खोज बीन की, तो पता चला कि वह गुड्डु के साथ फरार हो गयी है. पिता ने 10 जून, 2015 को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. 18 जून को पुलिस ने मुखबिरों की सूचना पर सीवान के बसंतपुर में छापेमारी कर दोनों को बरामद किया.
युवती ने कोर्ट में साथ जीने-मरने की बात कही. कोर्ट ने भी इनके प्यार पर मुहर लगा दी. परिजन इनके प्यार के आगे झुके. दोनों जयपुर रहने लगे. 28 नवंबर, 2015 को गुड्डु गुप्ता ने अपने माता और पिता के दबाव में आकर उसे हजियापुर में छोड़ दिया. उसने अपने साथ रखने से इनकार कर दिया है. हालांकि शालू के पिता ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए फैमली कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर न्याय की अपील की है.