बैठक. प्राइवेट क्लिनिक व नर्सिंग होम ने एस्टैबलिशमेंट एक्ट को काला कानून बताया
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रजिस्ट्रेशन नहीं कराने का निर्णय
बैठक. प्राइवेट क्लिनिक व नर्सिंग होम ने एस्टैबलिशमेंट एक्ट को काला कानून बताया गर्भाशय कांड में दर्ज प्राथमिकी की आइएमए ने की निंदा गोपालगंज : सरकार के द्वारा लागू किये गये प्राइवेट क्लिनिक एवं नर्सिंग होम ने एस्टैबलिशमेंट एक्ट को काला कानून बताते हुए आइएमए ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराने का निर्णय लिया है. आइएमए की […]
गर्भाशय कांड में दर्ज प्राथमिकी की आइएमए ने की निंदा
गोपालगंज : सरकार के द्वारा लागू किये गये प्राइवेट क्लिनिक एवं नर्सिंग होम ने एस्टैबलिशमेंट एक्ट को काला कानून बताते हुए आइएमए ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराने का निर्णय लिया है. आइएमए की गोपालगंज इकाई की बैठक डॉ बीपी सिंह के निवास पर डॉ बीडी मिश्रा के अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा बीमा योजना के तहत कार्य करनेवाले डॉक्टरों के विरुद्ध भ्रम फैला कर गर्भाशय ऑपरेशन के मामले में पुलिस केस में फंसाने के संबंध पर विस्तार से चर्चा हुई. क्लिनिक एस्टैबलिशमेंट एक्ट का विरोध करते हुए इसे संविधान विरोधी,
जन विरोधी तथा डॉक्टर विरोधी काला कानून की संज्ञा दी गयी. इस कानून के लागू हो जाने पर सभी निजी प्रावधानों का पालन करना किसी डॉक्टर के लिए असंभव हो जायेगा. डॉक्टर तथा परिजनों का सौहार्दपूर्ण संबंध समाप्त हो जायेगा. वैसी परिस्थिति में कॉरपोरेट हॉस्पिटल में इलाज कराना आम जनता के लिए महंगा हो जायेगा. डॉक्टर हित में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बिना संशोधन हुए इस कानून को वर्तमान प्रारूप के तहत चिकित्सक रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन नहीं करेंगे तथा इसका विरोध करते रहेंगे. गर्भाशय कांड में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के खिलाफ संघ ने सर्वसम्मति से समर्थन देने का निर्णय लिया. इस मौके पर डॉ चंद्रिका साह समेत प्रमुख डॉक्टर थे.
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