कुचायकोट : शाहपुर पकड़ीहार मुसहर टोली में लगी आग की राख ठंडी हो चुकी है. ग्रामीण अपने कल को लेकर चिंतित हैं. यहां इन आग की लपटों में जोखन मुसहर का भी घर राख हो चुका है. राख के ढेर में बेसुध रमावती अपने बेटे को ढूंढ़ रही है. जब ग्रामीण उसे हटाते हैं तो वह सहसा कह उठती है- इसी में मेरा मुन्ना खेल रहा है,
इसको घर ले जाना है. पागल हो चुकी मां को आखिर कौन समझाये कि अब उसका बेटा इस दुनिया में नहीं है. सोमवार को बिजली की चिनगारी से लगी आग ने रमावती की गोद सुनी कर दी. एक सप्ताह पूर्व रामावती खुशीपूर्वक अपने मैके आयी थी. पहली बार बेटे को ननिहाल घुमाने लायी थी. जब वह अपनी ससुराल लौटेगी, तो क्या जवाब देगी? एक तरफ उसकी गोद उजड़ गयी, दूसरी तरफ ससुराल वालों का भय. रमावती की दुनिया ही उजड़ चुकी है.