गोपालगंज : पंचायत चुनाव में निर्वाचन आयोजन ने पिछड़े वर्ग की लगभग 44 जातियों को आरक्षण से मुक्त कर दिया है. यानी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर इन जाति के लोग चुनाव नहीं लड़ पायेंगे. इन जातियों के लोगों को सामान्य श्रेणी में रखा गया है, तो सामान्य श्रेणी की सीटों पर अपना चुनाव लड़ सकेंगे. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन ने स्पष्ट कर दिया है.
कि बिहार पंचायत राज अधिनियम-6 की धारा – 13, 15, 38, 40, 65, 67, 91 एवं 93 में पंचायत के सदस्य मुखिया पंचायत समिति सदस्य, प्रमुख, जिला पर्षद सदस्य, जिला पर्षद अध्यक्ष, सरपंच, ग्राम कचहरी के सदस्य के पदों पर पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जाति-जनजाति महिलाओं के लिए आरक्षण सूची को जारी करते हुए स्पष्ट किया गया है .
कि अधिनियम की धारा- 2 ख के अनुसार पिछड़ा वर्ग के अनुसूची-2 में वर्णित नागरिकों के लिए चुनाव में कोई आरक्षण अनुमान्य नहीं है. इस आदेश से स्पष्ट हो गया है कि जिले की 44 जाति जो पिछड़ा वर्ग से होकर भी आरक्षण के लाभ से वंचित हो गये हैं.
इन जातियों को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ : कुशवाहा, कोइरी, कमार, लोहार और कर्मकार, कोस्ता, गद्दी, घटवार, चनउ, जदुपतिया, जोगी, तमोली, तेली, देवहार, नालबंद, परथा, बढ़ई, बड़ई, बनिया, हलवाई, मोदक, मयरा, रोनियार, पनसारी, मोदी, कसेरा, केशरवानी, ठठेरा, कलवार, बियाहुत कलावार, पटवा,
कमलापुरी वैश्य, महुरी वैश्य, अवधबनिया, बंगीवैश्य, बंगाली बनिया, बर्नवाल, अग्रहरीवैश्य, वैश्य पोद्दार, कसौधन, गंधबनिक, बाथम वैश्य, गोलदार, कैथक वैश्य, कथबनिया सामरी वैश्य, यादव, ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोपी, लक्ष्मी नारायण गोला, राजवंशी, रौतिया, लहेड़ी, शिवहरी, सोनार, सूत्रधार, सुकियार, ईसाई धर्मावलंबी, ईसाई अन्य पिछड़ी जाति, कुर्मी, भांट, भट, ब्रह्म भट्ट, राजभट, दांगी, कुल्हैया, जट, मड़रिया, दोनवार, सुरजापुरी मुसलिम, मलिक मुसलिम को पंचायत के आरक्षण से बाहर कर दिया गया है.
चुनाव की तैयारियों पर फिरा पानी : आरक्षण सूची प्रकाशित होते ही पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे पिछड़े वर्ग के लोगों पर पानी पड़ गया है. इस चुनाव में आरक्षण रोस्टर बदलने के साथ ही कई लोग पूरी तैयारी के साथ इस बार चुनाव लड़ने की प्लानिंग में थे, लेकिन आयोग की तरफ से अनुसूची-2 की जातियों को अलग कर दिये जाने से पिछड़े वर्ग के लोगों में मायूसी छा गयी है.