गोपालगंज : जिले में संदिग्ध व्यक्त चूड़ी, लहठी, कपड़ा तथा शृंगार का सामान बेच रहे हैं. संदिग्ध युवक बांग्लादेशी हो सकते हैं. वह खुद लग्जरी वाहन में चलते हैं और एंड्राएड मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं. पल-पल की खबर रेकी कर इंटरनेट के जरीये अपलोड कर रहे हैं. पिछले एक साल से इनकी गतिविधियां कुछ ज्यादा ही बढ़ी हुई हैं.
खुफिया सूत्रों की मानें, तो ये खुद को मुजफ्फरपुर, मुरादाबाद या पूर्णिया-कटिहार के रहनेवाले बताते है. हकीकत न तो कभी पुलिस की तरफ से खोजी गयी है और न ही कोई काम आदमी इन पर शक करता है. हाल ही में सीवान और छपरा में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी युवकों के पकड़े जाने का खुलासा होने के बाद भी गोपालगंज पुलिस की नींद नहीं खुल रही है.
शहर में तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर किराये के मकान में रह रहे हैं. इनका आज तक सत्यापन भी पुलिस नहीं कर सकी है. हालांकि संदिग्ध लोगों ने आसानी से आधार कार्ड और वोटर आइडी कार्ड भी बना लेने में सफलता पा ली है. गोपालगंज जिले के ग्रामीण क्षेत्र के बड़े बाजारों में भी इनका अपना नेटवर्क फैल चुका है. केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने गृह विभाग को एक पत्र भेज कर गंभीर चिंता जतायी है.