गोपालगंज : बहू सीता सी उनको चाहिए ये ठीक है, तेरे बेटों में आखिर राम का किरदार किसका है. यूपी से आये ओज के प्रमुख कवि राजेश राही की इस पंक्ति मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया. दहेज और घरेलु हिंसा पर गंभीर चोट इस रचनना के जरीये किया गया. मौका था बेसिक स्कूल कैंपस में माध्यमिक तथा प्राथमिक शिक्षक संघ की तरफ से आयोजित एक शाम कौमी एकता के नाम कवि सम्मेलन सह मुशायरे का. सर्द भरी रात जैसे-जैसेे जवां हो रही थी,
वैसे-वैसे साहित्य की रस से दर्शक हंसी और ठहाकों में डूबे रहे. कवि सम्मेलन का शुभारंभ सांसद जनक राम, एमएलसी आदित्य नारायण पांडेय, पूर्व मंत्री डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह, जिला पार्षद, ओमप्रकाश सिंह ने संयुक्त रूप से दीप जला कर किया. सम्मेलन में डॉ कलीम कैसर ने गरीबी पर चोट करते हुए अपनी रचना में कहा कि ‘क्या कहा आपने अंगुलियां जल गयीं, उस तरफ देखिए बस्तियां जल गयीं. इस कदर मेरी यादों में खोयी रही और तवे पर रखी रोटियां जल गयीं’. मेराजुद्दीन तिसना ने अपनी रचना जब तलब अहले जमी कुदरत से टकराते रहेंगे, ये जमी हिलती रहेगी, जलजले आते रहेंगे. इसी तरह रजी अहमद फैजी ने भगाती मुंबई दिल्ली है पुना मार देता है, गरीबी को वतन का कोना-कोना मार देता है,
जबकि डॉ समी बहुवारवी ने अपनी रचना में यजीबों की तरफदारी करेगा ये खदसा था गद्दारी करेगा की रचना पर तालियां बटोरीं. बादशाह प्रेमी ने भोजपुरी की रचना कहो इहे ह प्रिति भोज झांड़ पीठ हो गइल सोझ, हम काहनी इ बफर कहाला, जानवर ऐसन आदमी खाला. कवि सम्मेलन को नदीम अब्बासी, फलक सुलतानपुरी, शंकर कैमूरी, संजय मिश्रा संजय, सुभाष चंद्र यादव, समी बहुवाखी, अरुण गोपाल, सोमनाथ ओझा, रजी अहमद, सरीता सुमन, शर्फुद्दीन शरफ, जगी हासमी समेत कवियों ने लोगों के दिल पर साहित्य और समाज की अमिट छाप छोड़ने का प्रयास किया.
मंच का संचालन अंतरराष्ट्रीय कवि सुनील कुमार तंग इनायतपुरी ने किया. कवि सम्मेलन में पहुंचे कवियों को प्राथमिक शिक्षक संघ एवं माध्यमिक शिक्षक संघ की तरफ से उपाध्यक्ष रामेश्वर उपाध्याय, संघ के सचिव धर्मनाथ तिवारी ने शाल और माला देकर सम्मानित किया. कवि सम्मेलन की अध्यक्षता भोजपुरी के प्रमुख कवि सोमनाथ ओझा सोमेश ने की. इस मौके पर उनकी रचना का लोकापर्ण भी किया गया.