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भारत को रोकने का श्रेय गेंदबाजों को : फिंच

भारत को रोकने का श्रेय गेंदबाजों को : फिंचब्रिस्बेन. ऑस्ट्रेलिया ने भले ही भारत के खिलाफ दो बार 300 रन से अधिक के लक्ष्य हासिल करके बल्लेबाजी को आसान बना दिया हो, लेकिन उसके सलामी बल्लेबाज एरोन फिंच ने जीत का श्रेय अपने अनुभवी गेंदबाजी आक्रमण को भी दिया, जिन्होंने मिल कर उतने वनडे भी […]

भारत को रोकने का श्रेय गेंदबाजों को : फिंचब्रिस्बेन. ऑस्ट्रेलिया ने भले ही भारत के खिलाफ दो बार 300 रन से अधिक के लक्ष्य हासिल करके बल्लेबाजी को आसान बना दिया हो, लेकिन उसके सलामी बल्लेबाज एरोन फिंच ने जीत का श्रेय अपने अनुभवी गेंदबाजी आक्रमण को भी दिया, जिन्होंने मिल कर उतने वनडे भी नहीं खेले हैं, जितने मिचेल जॉनसन ने खेले थे. ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट पर 309 रन बना कर गाबा में सर्वाधिक लक्ष्य हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया और पांच मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त हासिल की. फिंच ने सात विकेट से जीत के बाद कहा, ‘हमने पर्थ में देखा कि हमारे सभी गेंदबाजों ने मिल कर उतने मैच भी नहीं खेले हैं, जितने अकेले मिचेल जॉनसन ने खेले थे. इसलिए श्रेय उन्हें जाता है. वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं और सभी से सीख रहे हैं. वे अपने सभी संसाधनों का उपयोग करके अपनी जीजान लगा रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘वे सचमुच में कुशल गेंदबाज हैं और आगे जाकर उन्हें जरूर इसका फायदा मिलेगा. जोएल पेरिस और स्कॉट बोलैंड अपना केवल दूसरा मैच खेल रहे थे और उन्होंने प्रभाव छोड़ा. केन रिचर्डसन अपना केवल नौवां मैच खेल रहे थे. ‘फिंच (71) ने शॉन मार्श के साथ पहले विकेट के लिए 145 रन जोड़ कर ऑस्ट्रेलिया के लिए शानदार नींव रखी. एक समय रन रेट बढ़ने से उन पर दबाव था, लेकिन इसके बाद कई बाउंड्री लगने से वह फिर से पटरी पर आ गये थे. फिंच ने कहा, ‘एक समय हम दोनों ही जूझ रहे थे, लेकिन शॉन ने खूबसूरत बल्लेबाजी की. मुझे लगता है कि मैंने गेंद को अच्छी तरह से हिट किया, लेकिन खाली जगहों पर हिट नहीं कर पाया. जब विकेट धीमा हो तब कई बार ऐसा होता है. पहले 16-17 ओवरों में उन्होंने वास्तव में शानदार गेंदबाजी की। कई बार आप केवल गेंदबाजों को श्रेय दे सकते हो, लेकिन हमने ड्रिंक्स ब्रेक में बात की और हमने किसी तरह की हड़बड़ाहट नहीं दिखायी.’ उन्होंने ने कहा, ‘हम जानते थे कि अंधेरा होने के साथ विकेट बेहतर होता जायेगा और प्रकाश का प्रभाव पड़ेगा. एक समय मैंने 60 गेंदों पर 30 के आसपास रन बनाये थे. एक समय रन रेट सात रन प्रति ओवर पहुंच गया था इसलिए हमने सुनिश्चित किया कि हम टिके रह कर रन बनायेंगे और नये बल्लेबाज को सात रन प्रति ओवर के सामने आने से बचाने की कोशिश करेंगे.’

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