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अगले साल विधान परिषद के सात सीटें होंगी खाली

अगले साल विधान परिषद के सात सीटें होंगी खालीसंवाददाता, पटनाइस बार के विधान परिषद चुनाव में भी महागंठबंधन के नेताओं का दमखम दिखेगा. अगले साल 2016 में विधान परिषद के सात सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. दो सीट पहले से खाली चल रही है. यानि मई-जून, 2016 में कम से कम नौ नये […]

अगले साल विधान परिषद के सात सीटें होंगी खालीसंवाददाता, पटनाइस बार के विधान परिषद चुनाव में भी महागंठबंधन के नेताओं का दमखम दिखेगा. अगले साल 2016 में विधान परिषद के सात सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. दो सीट पहले से खाली चल रही है. यानि मई-जून, 2016 में कम से कम नौ नये सीटों के लिए चुनाव होंगे. विधानसभा में दलगत सदस्यों की संख्या के आधार पर भरे जाने वाले इन सीटों में महागंठबंधन के नेताओं की संख्या अधिक होगी. कार्यकाल समाप्त होने वाले सदस्यों में दो भाजपा के हैं. जबकि, चार सदस्य सत्ताधारी दल जदयू के हैं और एक सीट राजद कोटे की है. दो पूर्व से खाली आ रही सीटों में सभी जदयू कोटे की ही है. इनमें से एक डा भीम सिंह के द्वारा छोड़ी गयी सीट तो दूसरी सीट महाचंद्र प्रसाद सिंह की सदस्यता समाप्त हुई सीट है. जिन सात सदस्यों का कार्यकाल इस बार जुलाई, 2016 में समाप्त हो रहा है, उनमें भाजपा की किरण घई सिन्हा, हरेंद्र प्रताप पांडेय, जदयू के उदय कांत चौधरी, विजय कुमार वर्मा, रूदल राय, मंजर आलम और राजद के भोला राय के नाम हैं. भोला राय के विधानसभा सदस्रू चुने जाने के कारण यह सीट रिक्त हुई है. सूत्र बताते हैं कि विधान परिषद की सीटों को भरे जाने के लिए महागंठबंधन के तीनों दलों के बीच वही फार्मूला अपनाया जायेगा जो विधानसभा चुनाव के दरम्यांन लाया गया था. विधानसभा के भीतर महागंठबंधन के सीटों की संख्या 178 है.इनमें कांग्रस को 27, जदयू के 71 और राजद के 80 सदस्य हैं. दसूरी ओर एनडीए में भाजपा के 53, हम व रालोसपा के के एक-एक और लोजपा के दो सदस्य हैं. इस आधार पर सात खाली हो रही सीटों में कम से एक सीट भाजपा की झोली में आयेगी. खाली होने वाली सीटों की संख्या बढी तो इसका लाभ भाजपा को भी मिलेगा और उसके एक से अधिक सदस्य चुने जा सकेंगे. सीट को लेकर राजद औँर कांग्रेस पूरी तरह फायदे में रहेगी. बटवारे के कारण सीटों का नुकसान जदयू को भी उठाना पड़ सकता है. सूत्र बताते हैं कि अब तक की खाली सीटों की सूची चुनाव आयोग को उपलब्ध करा दी गयी है. प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक महीने के आखिरी तारीख् को विधान परिषद सचिवालय मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अपनी वर्तमान सीटों के खाली होने तथा भरे होने की नियमित सूचना भेजता है. जो सीटें खाली हो रही हैं उनमें राजद के भोला यादव द्वारा छोड़ी गयी सीटें भी हैं. इस सीट का कार्यकाल अब महज छह महीना रह गया है. यही स्थित जदयू के मंजर आलम की इस्तीफा की गयी सीट की है. राज्यसभा की एक सीट पर कांग्रेस के कई दिग्गजों की नजरअप्रैल-मई, 2016 में राज्यसभा की पांच सीटें खाली होंगी. इनमें एक सीट कांग्रेस को मिल सकती है. इस एक सीट को हासिल करने के लिए पार्टी के भीतर अभी से दावं बिछने लगा है. कांग्रेस की दिल्ली खेमा और पटना खेमा इस बात को लेकर एकमत नहीं है. एक सीट पर दिल्ली खेमे से कई दिग्गज नेताओं के नामों की चर्चा हैं. कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्य्क्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के वकील कपिल सिब्बल, राष्ट्रीय महासचिव डा शकील अहमद, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष डा मीरा कुमार, पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार में से किसी एक को राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा है. सूत्र बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस का एक गुट बिहार प्रभारी सीपी जोशी की वकालत कर रहा है. जानकार बताते हैं कि राज्यसभा की पांच सीटों में कांग्रेस को एक सीट मिल भी गयी तो उम्मीदवार के नाम तय करने में महागंठबंन के नेताओं की राय अहम होगी. विधानसभा में कांग्रेस की 27 सदस्य जीत कर आये हैं.

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