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डकैती, अपहरण की तहकीकात सीआइडी ने की शुरू

डकैती, अपहरण की तहकीकात सीआइडी ने की शुरू- सभी जिलों में डकैती, बैंक डकैती और अपहरण कांडों के आंकड़े जुटाने के लिए टीम रवाना- आंकड़ों के साथ-साथ अपराध से जुड़ी तमाम जानकारी भी की जा रही एकत्र- एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) की मॉनीटरिंग में सभी टीमें जमा कर रही ये आंकड़ेसंवाददाता, पटनाराज्य में अक्सर हो […]

डकैती, अपहरण की तहकीकात सीआइडी ने की शुरू- सभी जिलों में डकैती, बैंक डकैती और अपहरण कांडों के आंकड़े जुटाने के लिए टीम रवाना- आंकड़ों के साथ-साथ अपराध से जुड़ी तमाम जानकारी भी की जा रही एकत्र- एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) की मॉनीटरिंग में सभी टीमें जमा कर रही ये आंकड़ेसंवाददाता, पटनाराज्य में अक्सर हो रही बैंक डकैती, डकैती, छिनैती और अपहरण के मामलों का अनुसंधान सीआइडी ने शुरू कर दिया है. इसके लिए सभी जिलों में सीआइडी की टीमों को रवाना कर दिया गया है. फिलहाल इन टीमों को सभी जिलों में मौजूद थानों से इन अपराधों के आंकड़ें जुटाने के लिए कहा गया है. सीआइडी के लोग पिछले छह महीने के दौरान हुए ऐसे तमाम अपराधों का विस्तृत ब्यौरा जमा कर रहे हैं. अपराध के आंकड़ों के साथ कब-कब, किस तारीख को अपराध हुआ, अपराध स्थल समेत अन्य जानकारी भी एकत्र की जा रही है. सीआइडी की सभी टीमों की मॉनीटरिंग सीधे एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आलोक राज कर रहे हैं. सभी जिलों से रोजाना सीधी रिपोर्ट ली जा रही है. सीआइडी की यह टीम अपहरण, डकैती, बैंक डकैती और छिनैती से जुड़े अपराधों के अनुसंधान की क्या स्थिति है, इसकी जानकारी हर पहलू पर बारीकी से जमा कर रही है. किस मामले में कितनी गिरफ्तारी हुई, कहां तक मामले की जांच पहुंची, जांच में कहां कठिनाई आ रही है समेत तमाम बातों का भी ब्योरा तैयार किया जा रहा है. नालंदा के बिहारशरीफ में हुई सबसे बड़ी बैंक डकैती का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला, इसके तमाम पहलूओं पर भी सीआइडी की टीम जांच करेगी. इसका मकसद यहइस डाटा को जमा करके यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इन घटनाओं का मोडस-ऑपरेंडी (अंजाम देने का तरीका) अलग-अलग या एक समान है. किन-किन घटनाओं में इसकी समानता और किनमें इसकी भिन्नता है. इसके आधार पर इन घटनाओं का खुलासा करने और अपराधियों की गिरफ्तारी करने में मदद मिलेगी. संबंधित या आसपास के जिलों में पहले इस तरह की हुई घटनाओं में गिरफ्तार अपराधी अभी कहां हैं. अगर बेल हुआ है, तो कितने दिनों पहले और इनकी वर्तमान स्थिति क्या है. इसके आधार पर सभी कांडों के अनुसंधान का प्रारूप तैयार किया जायेगा. इससे अपराधियों को उनके पूरे गैंग के साथ गिरफ्तार करने में मदद मिलेगी.

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