80 पंचायतों को है हाइस्कूल का इंतजार विभाग को भेजा जायेगा 28 विद्यालयों का प्रस्ताव जमीन की अनुपलब्धता से बिखर रहा सपना छात्राओं को नहीं मिल पा रही उच्च शिक्षा फोटो नं-5संवाददाता, गोपालगंजजिले के 80 पंचायतों में अब भी हाइस्कूल का इंतजार है. ऐसे तो सरकार के द्वारा दो वर्षों पूर्व ही सभी पंचायतों में हाइस्कूल खोले जाने की घोषणा की गयी थी. उस समय ग्रामीण इलाकों के छात्र-छात्राओं में काफी उत्साह था. उन्हें उम्मीद थी कि अब अपने ही गांव में मैट्रिक तक की शिक्षा आसानी से मिल जायेगी. वहीं, छात्राओं में भी काफी उत्साह था कि अब उच्च शिक्षा के लिए तीन से पांच किलोमीटर की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी. सरकार के द्वारा भी इस क्षेत्र में पहल कर अधिकतर मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित करते हुए हाइस्कूल बनाया गया. लेकिन, अब भी जिले के 234 पंचायतों में से 80 ऐसे पंचायत हैं, जहां हाइस्कूल नहीं है. इन पंचायतों के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा लेने के लिए तीन से पांच किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. वहीं, अधिकतर छात्राएं हाइस्कूल के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं.एक एकड़ जमीन की है आवश्यकता मध्य विद्यालयों को हाइस्कूल में उत्क्रमित किये जाने को लेकर एक एकड़ भूमि की आवश्यकता है. लेकिन, मध्य विद्यालयों में भूमि की अनुपलब्धता के कारण हाइस्कूल का सपना साकार नहीं हो रहा है. इससे 80 पंचायतों के छात्र-छात्रा हाइस्कूल की शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. आसपास के गांवों के लोग भूमि मुहैया कराते हैं, तो मध्य विद्यालयों को हाइस्कूल में उत्क्रमित होना आसान हो जायेगा. विभाग को भेजा जायेगा प्रस्ताव हाइस्कूल से वंचित 80 पंचायतों में से 28 पंचायतों में हाइस्कूल मुहैया कराये जाने को लेकर शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा जायेगा. हाइस्कूल के उत्क्रमित होने के प्रावधानों के अनुरूप वर्ष 2015-16 में गोपालगंज जिले से 28 विद्यालयों की सूची भेजी जायेगी, जिस पर विभाग की मुहर लगने के बाद मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित करते हुए हाइस्कूल बनाया जायेगा. ताकि, उन पंचायतों के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा की राह आसान हो सके. इसके लिए विभाग में तैयारियां चल रही हैं. इन विद्यालयों को मिल सकती है हाइस्कूल की हरी झंडीइस बार विभाग को 28 विद्यालयों को हाइस्कूल में उत्क्रमित करने का प्रस्ताव भेजा जायेगा. इनमें दस विद्यालयों को हाइस्कूल में उत्क्रमित किये जाने की हरी झंडी विभाग से मिल सकती है. क्योंकि, इन विद्यालयों में हाइस्कूल के लिए निर्धारित एक एकड़ से अधिक भूमि उपलब्ध है. इन विद्यालयों में सिधवलिया प्रखंड के राजकीय बुनियादी विद्यालय काशी टेंगराही, कुचायकोट प्रखंड के बुनियादी विद्यालय, चैलवा, राजकीय मध्य विद्यालय, रामपुर दाऊद, मध्य विद्यालय, बेलवा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, उचकागांव, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सिरिसिया, मध्य विद्यालय, मैरवा कर्ण एवं मांझा प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय, देवापुर पूर्दील को हरी झंडी मिल सकती है. इन पंचायतों में नहीं है हाइस्कूलफुलवरिया प्रखंड के कररिया, बैरागी टोला, गणेश डूमर, पंचदेवरी प्रखंड के बनकटिया, मझवलिया, सिधवलिया के बखरौर, सुपौली, करस घाट, गोपालगंज प्रखंड बसडीला, जादोपुर शुक्ल, ख्वाजेपुर, एकडेरवा, तिरविरवा, कोन्हवा, बरौली प्रखंड के महोद्दीपुर पकड़िया, महम्मदपुर नीलामी, बघेजी, सलेमपुर पश्चिमी, बतरदेह, रामपुर, विजयीपुर प्रखंड के बेलवा, पगरा, सरूपाई, चौमुखा, खिरीडीह, कुचायकोट प्रखंड के तिवारी मटिहनिया, हथुआ प्रखंड के बरवा कपरपुरा, मटिहानी नयन, जीगना जगरनाथ, खैरटिया, सुहागपुर, कांधगोपी, मिर्जापुर, सवरेजी, बैकुंठपुर प्रखंड के अजवीनगर, गम्हारी, चीउटहा, उसरी, खैरा आजम, धर्मबारी, प्यारेपुर, हमीदपुर, दिघवा दुबौली उत्तर, रेवतीथ, दिघवा दुबौली दक्षिण, जगदीशपुर, मांझा प्रखंड के अदमापुर, कोइनी, छवही तक्की, कर्णपूरा, पुरैना, मांझा पूर्वी, प्रतापपुर, निमुइया, थावे प्रखंड के एकडेरवा, धतिवना, वृंदावन, जगमलवा, इंद्रवा एबदुल्ला, बरारी जगदीश, उचकागांव प्रखंड के महइचा, साखे खास, बैरिया दुर्ग, झिरवा और नवादा परसौनी पंचायतों में हाइस्कूल नहीं है. क्या कहते हैं डीपीओइन पंचायतों के मध्य विद्यालयों में भूमि की उपलब्धता हाइस्कूल के लिए नहीं है, जिसके कारण इन पंचायतों में हाइस्कूल नहीं है. आसपास के ग्रामीण विद्यालयों में भूमिदान करते हैं या मुहैया कराते हैं, तो इन सभी पंचायतों में सरकार के द्वारा हाइस्कूल की स्थापना की जायेगी. राकेश कांत राकेश, डीपीओ, माध्यमिक शिक्षा, गोपालगंज
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80 पंचायतों को है हाइस्कूल का इंतजार
80 पंचायतों को है हाइस्कूल का इंतजार विभाग को भेजा जायेगा 28 विद्यालयों का प्रस्ताव जमीन की अनुपलब्धता से बिखर रहा सपना छात्राओं को नहीं मिल पा रही उच्च शिक्षा फोटो नं-5संवाददाता, गोपालगंजजिले के 80 पंचायतों में अब भी हाइस्कूल का इंतजार है. ऐसे तो सरकार के द्वारा दो वर्षों पूर्व ही सभी पंचायतों में […]
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