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एक हजार से ज्यादा वेतन पाने वाले मजदूरों को बैंक से होगा भुगतान

एक हजार से ज्यादा वेतन पाने वाले मजदूरों को बैंक से होगा भुगतानश्रम संसाधन विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव, कैबिनेट की मंजूरी के बाद होगा लागूमजदूरों की हकमारी रोकने के लिए विभाग की पहल17 व 24 दिसंबर और 10 जनवरी को पंचायत वार जागरुकता अभियान संवाददाता, पटना राज्य में निजी क्षेत्र के दुकानों, घरों और […]

एक हजार से ज्यादा वेतन पाने वाले मजदूरों को बैंक से होगा भुगतानश्रम संसाधन विभाग तैयार कर रहा प्रस्ताव, कैबिनेट की मंजूरी के बाद होगा लागूमजदूरों की हकमारी रोकने के लिए विभाग की पहल17 व 24 दिसंबर और 10 जनवरी को पंचायत वार जागरुकता अभियान संवाददाता, पटना राज्य में निजी क्षेत्र के दुकानों, घरों और मॉल में काम करने वाले वैसे मजदूर जिन्हें एक हजार से ज्यादा मासिक वेतन मिलता है, उनकी वेतन राशि में कटौती संभव नहीं होगा. सरकार ने ऐसे कर्मचारियों को अब कैश नहीं बल्कि बैंक एकाउंट के जरिये पैसे का भुगतान करने का फैसला लिया है. सरकार को शिकायत मिली है कि मजदूरों से एग्रीमेंट तो अधिक पगार की की जाती है, लेकिन उन्हें कम पैसे दिये जाते हैं. अब बैंक से पैसे के भुगतान में जितनी रकम का एग्रीमेंट होगा, उतनी ही राशि संबंधित मजदूर व कर्मी के बैंक खाते में डाली जायेगी. श्रम संसाधन विभाग इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है. राज्य कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जायेगा. इसकी जानकारी गुरुवार को श्रम मंत्री विजय प्रकाश ने दी. राज्य स्तरीय श्रम अधिकारियों की समीक्षात्मक बैठक में इस आशय का प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया. श्रम विभाग में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि मॉल, दुकानों और घरों में जब विभाग के अधिकारी जांच के लिए जाते हैं और वहां काम करने वालों से पूछते हैं तो जितने का बांड उन्होंने भरा होता है उतनी राशि मिलने की बात करते हैं, लेकिन सच्चाई में उन्हें भरे बांड से कम राशि दी जाती है. इसी अनियमितता को रोकने और मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए श्रम विभाग ने तय किया है कि जिस मजदूर को एक हजार या उससे ज्यादा वेतन महीने में मिलते होंगे उन्हें संबंधित मॉल, दुकान या घरों के लोगों को बैंक एकाउंट में ही राशि देनी होगी. श्रम मंत्री ने बताया कि श्रम विभाग की योजनाओं का सही से प्रचार-प्रसार नहीं होने वजह से इसका लाभ समाज के अंतिम तबके तक नहीं पहुंच पा रही है. पंचायत स्तर तक इसके प्रचार प्रसार की जरूरत है. इसके लिए मुखिया को इनवोल्व किया जा रहा है. साथ ही न्यूनतम मजदूरी को सख्ती से लागू करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में 286 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है. अब तक 168 पर प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, जबकि 223 लोगों को क्षतिपूर्ति (20 हजार) देने के लिए नोटिस दिया गया है. विजय प्रकाश ने कहा कि लेबर रजिस्ट्रेशन की जागरुकता के लिए 17 दिसंबर, 24 दिसंबर और 10 जनवरी को पंचायत वार जागरुकता अभियान चलाया जायेगा. वित्तीय वर्ष 2015-16 में 30 लाख श्रमिकों के निबंधन का लक्ष्य है. इसमें से 10 लाख का निबंधन हो चुका है. उन्होंने बताया कि जिला में श्रम व कृषि के दो पद होते थे, लेकिन उसे एक कर दिया गया है. अब श्रम अधीक्षक ही होंगे. दूसरे अधिकारी के बाद काम का बंटवारा किया जायेगा.

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