अनिल कुमार को विरासत में मिली है राजनीति भोरे. भोरे विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक अनिल कुमार चौथी बार इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे. दो बार राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवा दी है. बता दें कि अनिल कुमार को राजनीति विरासत में मिली है. पिता चंद्रिका राम इस क्षेत्र में काफी दिनों तक विधायक रहे. उनके बाद उनकी विरासत को संभालते अनिल कुमार ने पहली बार 1985 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था. उस समय उन्होने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे इंद्रदेव मांझी को हराया था. 1990 में वे राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे. इंद्रदेव मांझी से चुनाव हार गये थे. इसके बाद वे दो बार राज्यसभा के लिए चुने गये. 2005 के फरवरी एवं नवंबर में वे राजद के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गये थे. वर्ष 2010 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा था. एनडीए लहर के आगे टिक नहीं पाये और तीसरे पायदान पर चले गये. उनकी राजनीतिक महात्वाकांक्षा ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू का प्रत्याशी बनाया. लेकिन, उस चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. 2015 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और इस बार भी अपने 30 साल पुराने प्रतिद्वंद्वी इंद्रदेव मांझी को हरा कर विधानसभा में अपनी दस्तक दी है.
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अनिल कुमार को विरासत में मिली है राजनीति
अनिल कुमार को विरासत में मिली है राजनीति भोरे. भोरे विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक अनिल कुमार चौथी बार इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे. दो बार राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवा दी है. बता दें कि अनिल कुमार को राजनीति विरासत में मिली है. पिता चंद्रिका राम इस क्षेत्र […]
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