पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने गुरुवार को भाजपा पर सुबह से ही हमला जारी रखा. सुबह में प्रेस काॅन्फ्रेंस के बाद ट्वीटर व फेसबुक पर करीब दर्जन भर पोस्ट के माध्यम से हमला जारी रखा.
उन्होंने लिखा कि मोदी अपने मनगढंत शैतान से बिहार को और अपमानित न करें. मैं मोदी व मीडिया के उनके कुछ चाटुकारों को चुनौती देता हूं कि मेरा वो बयान दिखाएं.
मोदी ने मेरे बहाने तमाम दलितों व पिछड़ों को शैतान कहा है. दलितों व पिछड़ों की गोलबंदी से वे हताश हैं. आप शैतान के पीछे छुपने की कोशिश कर रहें हैं. मोदी को चैलेंज करता हूं कि वो मेरा शैतान वाला बयान दिखाएं या सार्वजनिक रूप से सभी बिहारियों को शैतान कहने के लिए तुरंत माफ़ी मांगें. पहले हमारे डीएनए को गड़बड़ बताया, फिर बिहार को बीमारू और बिहार के लोगों को दुर्भाग्यशाली. अब महागठबंधन और लालू जी के लिए शैतान शब्द का प्रयोग.
औरों को नसीहत देनेवाले से पूछो, 2002 में गुजरात में उस पर कौन शैतान सवार था? उस वक्त राजधर्म नहीं निभाने पर वाजपेयी जी की आत्मा रोयी थी. बिहार का वंचित समाज देख रहा है कि बड़बोले प्रधानमंत्री मंहगाई, रोज़गार ,काले धन पर चुप क्यों है? भागवत के बयान की भर्त्सना की हिम्मत दिखाओ. यह मोदीजी की मानसिकता, हताशा और बिहार के लोगों के लिए उनकी सोच को दरसाता है.
तुम्हारे पुरखे गोलवलकर,भागवत जैसों की पिछड़ों,दलितों को दमन करने की सामंती सोच युगों से नहीं बदली है और चाहते हो लालू की 25 साल में ही बदल जाये. मंडल के बाद जब दलित, पिछड़े सीएम बनने लगे तो जातिवादी संगठन आरएसएस को मिर्ची लगने लगी कि कैसे वंचित समाज का व्यक्ति बड़ी कुरसी पर बैठने लग गया.
मोदी जी मुझसे लड़ना है, तो सामने आकर राजनीतिक कार्यक्रम पर बहस करें. हम तो समावेशी
विकास,महंगाई,रोजगार,सामाजिक व आर्थिक न्याय की बात कर रहे हैं. चुनाव आते-जाते रहते हैं पर आप प्रधानमंत्री पद की गरिमा को इतना मत गिराएं. आप मेरे द्वारा आज सुबह पूछे गये गंभीर प्रश्नों का जवाब दीजिए. बिहार के समावेशी विकास,समाजिक व आर्थिक न्याय,आरक्षण,जनगणना,गुड-गवर्नेस पर मैं मोदी को खुली बहस की चुनौती देता हूं. आइए, हो जाये आमना-सामना .