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मुंशी के कमरे से कई सुराग जब्त
एफएसएल की टीम ने की जांच, मौत के खुलासे का इंतजार गोपालगंज : एसटी-एससी थाने के मुंशी की मौत का खुलासा करना पुलिस के लिए चुनौती साबित होगा. एफएसएल की टीम घटना के दूसरे दिन घटनास्थल से खून के धब्बों के निशान लिये. एफएसएल की जांच से कई खुलासे होने की उम्मीद है. उधर, पुलिस […]
एफएसएल की टीम ने की जांच, मौत के खुलासे का इंतजार
गोपालगंज : एसटी-एससी थाने के मुंशी की मौत का खुलासा करना पुलिस के लिए चुनौती साबित होगा. एफएसएल की टीम घटना के दूसरे दिन घटनास्थल से खून के धब्बों के निशान लिये. एफएसएल की जांच से कई खुलासे होने की उम्मीद है. उधर, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद ताबूत में रख कर रोहतास जिला भेज दिया. इसके पूर्व एसपी अनिल कुमार सिंह ने सभी थानाध्यक्षों की बैठक बुलायी. जवानों ने मृतक मुंशी को नम आंखों से श्रद्धांजलि के साथ अंतिम सलामी दी.
मौत का नहीं हुआ खुलासा : पुलिस सूत्रों की मानें, तो राइफल साफ करने के दौरान हादसा हुआ. गौर करने की बात है कि जब हादसा हुआ, तो आवास पर रहनेवाले अन्य जवान कहां थे. गोली की आवाज पर आसपास के लोग और थाने में तैनात जवान मुंशी के कमरे में पहुंचे थे. मुंशी का शव जिस कमरे में था, वहां पांच जवानों के बेड लगे थे. यानी अकेले उस आवास में मुंशी नहीं रहते थे. गोली चलने की बात तड़के सुबह की है. घटना के बाद जिस बेड पर मुंशी का शव पड़ा था, उस बेड पर राइफल नहीं थी. मुंशी के शव के ठीक सामनेवाले बेड पर राइफल थी. राइफल पर खून के धब्बे भी मिले हैं, जिसकी जांच पुलिस के अधिकारी गहराई से कर रहे हैं.
कॉल डिटेल भी की जा रही जांच : मुंशी कृपाशंकर राम नेक और ईमानदार पुलिस अफसर के नाम से जाने जाते थे. उनके कार्य से न सिर्फ पुलिस विभाग संतुष्ट था, बल्कि आम लोग भी उनकी कार्यशैली से खुश थे. नशे की कोई लत नहीं था. मुंशी की मौत से परिजन जहां सदमे में हैं, वहीं पुलिस के आलाधिकारी और जवान शोक में डूब गये. उधर, एसपी के निर्देश पर घटना की जांच कर रहे अधिकारियों ने कॉल डिटेल को भी खंगालने का काम शुरू किया है.
कमरे को पुलिस ने किया सील : जिस कमरे में कृपाशंकर राम की डेड बॉडी मिली, उस कमरे का फर्श खून से लथपथ हो चुका था. सीने में लगी गोली पिछले हिस्से से निकल गयी थी. पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ने शव बाहर निकालने के बाद कमरे को सील कर दिया, ताकि एफएसएल की टीम विस्तृत रूप से घटना की जांच कर सके. कमरे में राइफल और अन्य साबूत को भी पुलिस टीम ने इकट्ठा किया है, जिसकी जांच होने से मौत का खुलासा होने की उम्मीद जतायी जा रही है.
मुंशी के पास कैसे पहुंची राइफल
एसटी-एससी थाने में तैनात मुंशी कृपाशंकर राम के पास सरकारी राइफल कैसे पहुंची. घटना की जांच कर रहे अधिकारी की मानें, तो मुंशी को राइफल नहीं दी जाती है. दूसरे की राइफल साफ करने के दौरान गोली चली. सवाल अब उठता है कि वह राइफल किस जवान की थी, क्या उसने अपनी राइफल को साफ करने के लिए मुंशी को सौंपा था या नहीं. इस बिंदु पर भी पुलिस के अधिकारी जांच करने में जुटे हैं.
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