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हंस पालन से संवार रही बच्चों की जिंदगी
बरौली : अहले सुबह हंस के चूजों को लेकर भागड़ जलाशय पहुंच कर लक्ष्मी तंबू गाड़ देती है. वह शाम होते ही घर को वापस आ जाती है. चूजों के बीच सोना और इन्हीं के बीच दिन गुजारना रूटीन बन गयी है. एक आवाज पर ये पीछे-पीछे चल देते हैं. गांव में इन्हें हंसों की […]
बरौली : अहले सुबह हंस के चूजों को लेकर भागड़ जलाशय पहुंच कर लक्ष्मी तंबू गाड़ देती है. वह शाम होते ही घर को वापस आ जाती है. चूजों के बीच सोना और इन्हीं के बीच दिन गुजारना रूटीन बन गयी है. एक आवाज पर ये पीछे-पीछे चल देते हैं. गांव में इन्हें हंसों की हमजोली कहा जाता है.
दो वर्षो से लक्ष्मी का हर पल हंसों के बीच गुजर रहा है. बरौली प्रखंड के सिकटिया गांव के मजदूर सुरेश प्रसाद की पत्नी ने न सिर्फ एक मिसाल कायम की है, बल्कि प्रतिवर्ष दो लाख रुपये से अधिक की आय भी कर लेती है. पूछने पर बताया कि वह अनपढ़ है. बेटे को पढ़ाने एवं बिटिया की शादी धूमधाम से करने के लिए एकाएक उसके दिमाग में हंस पालने की बात आयी और उसने इस धंधे को शुरू कर दिया.
शिक्षकों की हड़ताल से जिले में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गयी है. गुरुजी अपनी मांगों के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और स्कूलों में ताला लटका है. ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों का हो रहा है.
हड़ताल की वजह से जिले में आठ लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं की पढ़ाई ठप है. ऐसे में चिंता का विषय है कि हड़ताल की वजह से बाधित पढ़ाई की भरपाई कैसे होगी. बच्चों का सिलेबस कैसे पूरा होगा.
गोपालगंज : गुरुजी एक महीने से वेतनमान की मांग को लेकर हड़ताल पर डटे हैं. जिले के 987 प्राथमिक विद्यालय, 119 नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, 661 मध्य विद्यालयों में ताले लटके हैं.
लगभग आठ हजार नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. प्राथमिक शिक्षक संघ का दावा है कि लगभग ढाई हजार शिक्षक मंगलवार से हड़ताल पर चले गये हैं. 115 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लगभग 1200 शिक्षक भी पिछले सप्ताह से ही हड़ताल पर डटे हैं.
हड़ताल की वजह से शिक्षा व्यवस्था चरमरा गयी है. इस प्रकार जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले लगभग आठ लाख से अधिक बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही है. उनके पास किताब भी नहीं है. छात्रों का सिलेबस कैसे पूरा होगा, इसकी चिंता किसी को नहीं है. अभिभावक से लेकर छात्र चिंतित हैं. सरकार और शिक्षकों के बीच छात्रों का भविष्य दावं पर लगा हुआ है.
हड़ताल से किया किनारा
नियमित शिक्षकों ने हड़ताल से किनारा कर लिया है. प्राथमिक शिक्षक संघ ने मंगलवार से हड़ताल पर जाने का फैसला किया था. अधिकतर नियमित शिक्षकों ने हड़ताल पर जाने से इनकार कर दिया तथा इसकी लिखित जानकारी संबंधित बीआरसी और बीइओ को सौंप दी है. शिक्षकों की मानें, तो हड़ताली नियोजित शिक्षकों ने स्कूल में ताला बंद कर दिया है. फिर भी नियमित शिक्षक हर दिन स्कूल जाकर छात्रों को पढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके द्वारा रोक दिया जा रहा है.
शिक्षकों को ग्रामीणों ने खदेड़ा
थावे प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, चितू टोला में स्कूल बंद कराने पहुंचे हड़ताली शिक्षकों को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया. वे प्रधानाध्यापक बच्चन साह पर स्कूल बंद करने का दबाव दे रहे थे. छात्र इसका विरोध करने लगे. इसी बीच वहां भारी संख्या में ग्रामीण पहुंच गये.
ग्रामीणों ने हड़ताली शिक्षकों को खदेड़ते हुए स्कूल बंद करने से रोक दिया. ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि अब अगर स्कूल बंद हुआ, तो ग्रामीण बरदाश्त नहीं करेंगे.
शिक्षक संघ का दावा
प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रामेश्वर उपाध्याय ने दावा किया है कि नियोजित शिक्षकों की मांग के समर्थन में जिले के लगभग ढाई हजार नियमित शिक्षक मंगलवार से हड़ताल पर चले गये हैं. नियोजित शिक्षकों की मांग पूरी तरह से जायज है.
उन्हें समान कार्य के लिए सामान वेतनमान मिलना चाहिए. सरकार को इसके लिए एक बेहतर कदम तत्काल उठाना चाहिए था. जब तक सरकार उचित निर्णय नहीं लेती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी.
शिक्षकों की मांग जायज : जिप अध्यक्ष
हड़ताली शिक्षकों की मांग जायज है. सरकार को मांग मान लेनी चाहिए, ताकि विद्यालयों में पठन-पाठन सही तरीके से शुरू हो सके. सरकार के करण छात्र-छात्राओं के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. यह किसी भी सूरत में सही नहीं है. सरकार को चाहिए कि शीघ्र की शिक्षक नेताओं से वार्ता कर हड़ताल तोड़वाने के लिए सार्थक प्रयास करें.
चंदा सिंह
क्या कहते हैं डीइओ
शिक्षकों को मांग मनवाने के लिए हड़ताल करना उनका अधिकार है. हड़ताल के कारण जिले के विद्यालय बंद हैं. कुछ खुले भी हैं, तो वहां हड़ताली शिक्षकों द्वारा पठन-पाठन को बाधित कर दिया जा रहा है. यह सही नहीं है. हड़ताल की सूचना विभाग को दे दी गयी है. हड़ताली शिक्षकों द्वारा शिक्षा कार्यालयों का बंद कराना सही नहीं है.
अशोक कुमार
विद्यालयों की संख्या
प्राथमिक विद्यालय 987
नवसृजित प्राथमिक विद्यालय 119
मध्य विद्यालय 661
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