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पैक्स पर कार्रवाई की तैयारी शुरू
स्टॉक जांच में पकड़ी गयी धांधली पर प्रशासन गंभीर गोपालगंज : धान खरीद घोटाले में लिप्त पैक्स अध्यक्ष, प्रबंधक तथा क्रय केंद्र के प्रभारियों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. कई पैक्स अध्यक्षों को चयनमुक्त करने की तैयारी चल रही है. प्रशासन के कड़े रुख से पैक्स अध्यक्षों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. डीएम कृष्ण […]
स्टॉक जांच में पकड़ी गयी धांधली पर प्रशासन गंभीर
गोपालगंज : धान खरीद घोटाले में लिप्त पैक्स अध्यक्ष, प्रबंधक तथा क्रय केंद्र के प्रभारियों पर कार्रवाई शुरू हो गयी है. कई पैक्स अध्यक्षों को चयनमुक्त करने की तैयारी चल रही है. प्रशासन के कड़े रुख से पैक्स अध्यक्षों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. डीएम कृष्ण मोहन ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में दोषी जो भी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई तय है.
बता दें कि एक सप्ताह में 20 हजार मीटरिक टन धान खरीदने की जानकारी मिलते ही डीएम ने इस पूरे प्रकरण में पैक्स तथा व्यापार मंडल के स्टॉक जांच का आदेश देते हुए टीम का गठन कर दिया. जब अधिकारियों ने पैक्स को खंगालना शुरू किया, तो परत-दर-परत धान खरीद का सच खुलने लगा है. कई पैक्स में कागज में धान खरीदने का मामला उजागर हो चुका है
चावल लेगा एसएफसी
धांधली उजागर होने के बाद अब एसएफसी ने निर्णय लिया है कि पैक्स और व्यापार मंडल के स्टॉक में पड़े धान के बदले सिर्फ चावल लेगा. अबतक पैक्स से धान लिया जाता था. बता दें कि एसएफसी पैक्स और व्यापार मंडल से 27209.80 एमटी धान खरीदा था. इसके बदले मिलरों को 31 मार्च तक 2723 क्विंटल धान उपलब्ध कराया गया है, जबकि मिलरों ने 411 लौट चावल एसएफसी को उपलब्ध कराया है.
की गयी धोखाधड़ी
सदर प्रखंड में जब पैक्स के स्टॉक की जांच करने अधिकारी पहुंचे, तो अधिकतर पैक्स ने मिलर को धान रिसीव कराने का कागजात दिखाया. ख्वाजेपुर पैक्स में बीपीएल के एक किसान से 50 क्विंटल धान खरीदने की बात सामने आयी है. बीडीओ बिडू कुमार राम ने बताया कि अब स्टॉक की आवश्यक है, ताकि स्पष्ट हो सके कि पैक्स के द्वारा दिये गये धान मिलर के पास स्टॉक में है या नहीं.
जांच संदेह के घरे में
पैक्स स्टॉक जांच करने मे जुटे अधिकारी भले ही अपनी रिपोर्ट में नि:पक्षता की बात कर रहे हों, लेकिन सच यह है कि स्टॉक की जांच भी संदेह के घरे में है. किसी भी जांच टीम के अधिकारी ने किसानों से बयान दर्ज नहीं किया कि उनके द्वारा धान बेचा गया है या नहीं. अगर किसान धान बेचे हैं, तो उन्हें भुगतान चेक से देना था. कितने का चेक उनके नाम से कटा. क्या को-ऑपरेटिव बैक ने किसानों को भुगतान दिया?
इन बिंदुओं पर जांच नहीं की गयी. अधिकारी पैक्स के प्रभाव में आकर उनके स्टॉक की जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपी गयी है.
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