:: पंचदेवरी प्रखंड :: संवाददाता, पंचदेवरी.वर्ष 1997 में जिले के मानचित्र पर उभर कर आया सबसे छोटा प्रखंड पंचदेवरी आज भी समस्याओं से जूझ रहा है. अस्तित्व में आने के 18 वषोंर् बाद भी यहां की समस्याओं पर प्रशासन की नजर नहीं पड़ी है. गर्मी दस्तक दे चुकी है. अगलगी की घटनाओं में वृद्धि होने लगी है. मई-जून के महीनों में अगलगी की घटनाओं का ग्राफ बढ़ जाता है. प्रतिवर्ष प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों घर तथा सैकड़ों हेक्टेयर फसल जल कर राख हो जाते हैं. प्रखंड मुख्यालय एवं अनुमंडल में भी इस समस्या से निजात के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. अगलगी की सूचना जिला मुख्यालय में दी जाती है, तब दमकल की गाडि़यां 50 किमी की दूरी तय कर, जब तक पंचदेवरी पहुंचती है, तब तक कई परिवारों के अरमान जल कर राख हो गये होते हैं. ऐसा नहीं है कि प्रशासन के लोग इस बात से अवगत नहीं हैं. इसकी जानकारी होने के बाद भी प्रशासन मौन है. अगलगी की घटना के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होना पंचदेवरी वासियों के लिए अभिशाप साबित हो रहा है.बोले जिम्मेदार ”प्रखंड मुख्यालय में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा अग्निशामक यंत्र उपलब्ध कराना चाहिए, जिससे कि आग लगने पर तत्काल काबू पाया जा सके. प्रशासनिक स्तर पर आग पर काबू पाने के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है.” बैजू कुमार मिश्रा, बीडीओ, पंचदेवरीपंचदेवरी एक नजर में प्रखंड की कुल आबादी – 99993पंचायतों की संख्या – 9गांवों की संख्या – 99गेंहू की खेती (हे0) 3655जिला मुख्यालय से दूरी – 50 किमी
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बस्तियां जलने के बाद पहुंचती है दमकल-संपा
:: पंचदेवरी प्रखंड :: संवाददाता, पंचदेवरी.वर्ष 1997 में जिले के मानचित्र पर उभर कर आया सबसे छोटा प्रखंड पंचदेवरी आज भी समस्याओं से जूझ रहा है. अस्तित्व में आने के 18 वषोंर् बाद भी यहां की समस्याओं पर प्रशासन की नजर नहीं पड़ी है. गर्मी दस्तक दे चुकी है. अगलगी की घटनाओं में वृद्धि होने […]
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