क्या कहते हैं सीएस”बरौली से बुजुर्ग को नाजुक हालत में सदर अस्पताल लाया गया था. घायल बुजुर्ग के शरीर से काफी मात्रा में ब्लड पहले ही गिर चुका था. इलाज के दौरान इमरजेंसी वार्ड में घायल की मौत हुई है. अगर पुलिस समय रहते घायल को अस्पताल लायी होती तो शायद जान बचायी जा सकती थी.”डॉ विभेष प्रसाद सिंह,मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, गोपालगंज फ्लैश बैकएंबुलेंस के अभाव में कैदी की गयी थी जान गोपालगंज. सदर अस्पताल में बुधवार को मंडल कारा के कैदी विश्वनाथ साह की मौत एंबुलेंस के अभाव में हो गयी थी. चिकित्सकों ने बीमार कैदी को बेहतर इलाज के लिए 17 मार्च को पटना रेफर किया. लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने 18 मार्च को एंबुलेंस उपलब्ध कराया. इसके कारण यूपी के कुशीनगर जिले के निवासी बीमार कैदी की मौत हो गयी थी. दूसरे दिन भी विभाग की लापरवाही सामने आने से कई सवाल उठने लगे हैं.
नाजुक हालत में लाया गया था अस्पताल : सीएस
क्या कहते हैं सीएस”बरौली से बुजुर्ग को नाजुक हालत में सदर अस्पताल लाया गया था. घायल बुजुर्ग के शरीर से काफी मात्रा में ब्लड पहले ही गिर चुका था. इलाज के दौरान इमरजेंसी वार्ड में घायल की मौत हुई है. अगर पुलिस समय रहते घायल को अस्पताल लायी होती तो शायद जान बचायी जा सकती […]
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